P-8I: 'पुलवामा' और 'डोकलाम' के बाद सीमा पर पहरा दे रहा था नौसेना का ये विमान, CDS बिपिन रावत ने किया खुलासा

देश
प्रभाष रावत
Updated Feb 17, 2020 | 22:44 IST

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बताया कि चीन से डोकलाम गतिरोध और कश्मीर में पुलवामा हमले के बाद नौसेना का विमान आसमान से सीमा पर नजर रख रहा था।

P-8I Poseidon
भारतीय नौसेना का पी8 आई टोही विमान 

नई दिल्ली: रक्षा जगत में इन दिनों केंद्रीय थिएटर कमांड बनाए जाने की चर्चा है। सरकार की ओर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को बनाने और जनरल बिपिन रावत की इस पर नियुक्ति के बाद लगातार केंद्रीय संयुक्त सैन्य कमान को लेकर खबरें सामने आ रही हैं जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना को एक ही ईकाई की तरह एकीकृत करने और संयुक्त अभियानों में महारथी बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

इसे थिएटर कमांड के जरिए संचालित किया जाएगा। थिएटर कमांड कैसे सेनाओं को प्रभावी बनाने में अहम है इस पर जवाब देते हुए जनरल बिपिन रावत ने हाल ही में एक खुलासा किया है। यह खुलासा भारतीय नौसेना के पी8आई टोही विमानों से जुड़ा है।

दरअसल जनरल बिपिन रावत तीनों सेनाओं के साथ मिलकर काम करने की रणनीति पर बोल रहे थे और इस दौरान उन्होंने एक उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि 2017 में चीन के साथ भूटान से लगे डोकलाम इलाके में सैन्य तनाव के समय और 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन और पाकिस्तान की सैन्य गतिविधि पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना के पी-8 आई पनडुब्बी रोधी युद्धक और टोही विमान का इस्तेमाल किया गया था।

CDS Genral Bipin Rawat

चीन- पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति के बीच साल 2017 और 2019 में जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख थे। उन्हें नौसेना के पी8-आई विमान की क्षमता के बारे में पता चला और आसमान से सीमा पर नजर रखने के लिए इस विमान की तैनाती की गई थी। आम तौर पर नौसेना इसका इस्तेमाल हिंद महासागर क्षेत्र में नजर रखने और पनडुब्बी रोधी ऑपरेशन के दौरान करती है।

पी-8 आई की खूबियां: यह दुनिया के सबसे बेहतरीन टोही विमानों में से एक माना जाता है। यह विमान आधुनिक लंबी दूरी के रडार, घातक हार्पून मिसाइल, पानी के नीचे हमला करने के लिए टॉरपीडो और रॉकेट से लैस हो सकता है। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के नियंत्रण में यह विमान खासा मददगार है।

इस विमान को अमेरिका की बोइंग कंपनी बनाती है। इसमें स्वदेशी संचार और अन्य कई उपकरण लगाए गए हैं। चीनी पनडुब्बियों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में यह एक बड़ा सिरदर्द है। यह विमान 907 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से एक बार में 2200 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। समुद्री अभियानों के अलावा इसका इस्तेमाल जमीनी ऑपरेशन के लिए भी किया जा सकता है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर