ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे ने कहा-पिता के स्टैंड पर गर्व है, हम सत्ता के भूखे नहीं  

देश
आलोक राव
Updated Mar 11, 2020 | 11:55 IST

Jyotiraditya Scindia's Son Mahanaryaman Scindia : आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया को बड़ा पद दिया जा सकता है।

Jyotiraditya Scindia's Son Mahanaryaman Scindia says
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे हैं महानआर्यमन सिंधिया।  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • कांग्रेस में दरकिनार किए जाने से कुछ समय से नाराज चल रहे थे ज्योतिरादित्य सिंधिया
  • चर्चा है कि वह पार्टी की तरफ से राज्यसभा जाना चाहते थे लेकिन उनका दावा कमजोर पड़ गया था
  • मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में ज्यातिरादित्य सिंधिया की थी बड़ी भूमिका

नई दिल्ली : ज्यातिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के अपने पिता के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस छोड़ने पर ज्योतिरादित्य की हो रही आलोचना पर महाआर्यमन ने कहा है कि 'अपने लिए स्टैंड लेने पर उन्हें अपने पिता पर गर्व है।' ज्योतिरादित्य के 24 वर्षीय बेटे ने कहा कि उनका परिवार 'सत्ता का भूखा' नहीं है। ज्योतिरादित्य आज भाजपा का दामन थामने वाले हैं।

महाआर्यमन ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'खुद के लिए स्टैंड लेने के लिए मुझे अपने पिता पर गर्व है। एक विरासत से खुद को अलग करने के लिए साहस की जरूरत होती है। जब मैं यह कहता हूं कि मेरा परिवार में सत्ता की भूख नहीं है तो इस बात का फैसला इतिहास खुद कर सकता है। वादे के मुताबिक हम भारत और मध्य प्रदेश में एक प्रभावी बदलाव लाएंगे।'

बता दें कि मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय उठापटक शुरू हो गई जब गत सोमवार को सिंधिया खेमे के 17 विधायक एक चार्टर्ड विमान से बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। जबकि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद सिंधिया ने अपने इस्तीफे की घोषणा ट्विटर पर की। मध्य प्रदेश विधानसभा से कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 

आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। चर्चा यह भी है कि भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया को बड़ा पद दिया जा सकता है। बताया जाता है कि सिंधिया को राज्यसभा की सीट और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है।

सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि 'सिंधिया ने पार्टी की विचारधारा एवं लोगों के विश्वास के साथ धोखा किया।' राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधिया ने खुद के फायदे के लिए यह कदम उठाया। 

बता दें कि कांग्रेस पार्टी एवं मध्य प्रदेश की राजनीति में खुद को किनारे लगाए जाने से ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ समय से नाराज चल रहे थे। सिंधिया को लोकसभा चुनाव में हार मिली, ऐसे में वह वह चाहते थे कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजे लेकिन पार्टी में उनका दावा लगातार कमजोर पड़ता जा रहा था। बताया जाता है कि पार्टी में लगातार कम होते अपने रसूख से ज्योतिरादित्य सिंधिया परेशान थे और अंतत: उन्होंने कांग्रेस के साथ अपना 18 साल पुराना नाता खत्म करने का फैसला किया। 

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