Kalyan Singh Last Rites:नरौरा घाट पर राजकीय सम्मान संग पंचतत्व में विलीन हुए 'कल्याण सिंह',बेटे ने दी मुखाग्नि

देश
रवि वैश्य
Updated Aug 23, 2021 | 16:54 IST

Kalyan Singh Last Journey: कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार नरौरा घाट पर किया गया उनके बेटे राजवीर सिंह ने मुखाग्नि दी, इस मौके पर अमित शाह, सीएम योगी,राजनाथ समेत कई बड़े नेताओं के अलावा भारी भीड़ मौजूद रही।

Kalyan Singh Last Journey people paid their last respects huge crowd gathered
कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार 
मुख्य बातें
  • राजकीय सम्मान संग पंचतत्व में विलीन हुए कल्याण सिंह
  • नरौरा घाट कल्याण सिंह के बेटे और सांसद राजवीर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी
  • कल्याण सिंह को अंतिम विदाई के लिए भारी जनसैलाब उमड़ आया

नई दिल्ली: उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह  (Kalyan Singh) के पार्थिव शरीर का सोमवार को बुलंदशहर जिले के नरौरा में गंगा नदी के तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।कल्याण सिंह के पुत्र और एटा से भाजपा सांसद राजवीर सिंह ने 'जय श्री राम' और 'कल्याण सिंह अमर रहे' के नारों के बीच मुखाग्नि दी। कल्याण सिंह के पौत्र राज्यमंत्री संदीप सिंह भी मुखाग्नि प्रक्रिया में शामिल हुए।

कल्‍याण सिंह का पार्थिव शरीर दोपहर बाद अलीगढ़ के अतरौली स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह से एक लंबे काफिले के साथ नरौरा पहुंचा। इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अलीगढ़ के अतरौली पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके निधन से दबे, कुचले और पिछड़ों ने अपना एक हितचिंतक गंवाया है।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा-रामभक्ति में तज दिया, अपने सिर का ताज। राम शरण की ओर चले, परम रामभक्त आज।

नरौरा घाट पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट समेत उत्तराखंड के कई प्रमुख नेताओं ने कल्याण सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित कर अंतिम विदाई दी। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत राज्य के कई प्रमुख नेता शव यात्रा के साथ लगातार बने रहे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से राजनाथ सिंह, उप राष्ट्रपति की ओर से स्मृति ईरानी और प्रदेश की राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्प चक्र अर्पित किया।

कल्याण सिंह के अंतिम सफर पर सभी की आंखें नम हो गईं

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के अंतिम सफर पर सभी की आंखें नम हो गईं। अंतिम यात्रा में लाखों की संख्या में बाबूजी के समर्थकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा  नरौरा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए नरौरा घाट पर लाया गया, इस दौरान उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ जुट गई है सड़कों पर सभी ओर भीड़ दिख रही है। जनसैलाब को देखते हुए अंतिम संस्कार के लिए घाट पर प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 

इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को बुलंदशहर के नरौरा में श्रद्धांजलि अर्पित की।

वहीं रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लखनऊ पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी  सिंह के लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित आवास पर पहुंचे जहां उनका पार्थिव शरीर रखा गया था। प्रधानमंत्री ने उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे।प्रधानमंत्री ने कल्याण सिंह के परिजन से भी मुलाकात कर उनके प्रति संवेदना प्रकट की।

इससे पहले पार्टी दफ्तर में मिर्जापुर से अपना दल-सोनेलाल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने सिंह के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने इस मौके पर कहा कि कल्याण सिंह के साथ राजनीति के एक युग का भी समापन हो गया है। सिंह उनके पिता समान थे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका निधन राष्ट्रवादी राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके नेतृत्व में राष्ट्रवाद ने उत्तर प्रदेश की सीमाओं को पार किया और भारत के विभिन्न हिस्सों में पहुंचा। वह राष्ट्रवाद का बड़ा चेहरा थे। 

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