रेप केस के आरोपी साधु पर केरल हाईकोर्ट की दिलचस्प टिप्पणी, क्या है मामला

केरल उच्च न्यायालय ने एक साधु को बलात्कार के जुर्म में सजा सुनाते समय जो टिप्पणी की वो बेहद ही दिलचस्प और समाज को झकझोरने वाली है।

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रेप केस में आरोपी साधु पर केरल हाईकोर्ट की दिलचस्प टिप्पणी, क्या है मामला 
मुख्य बातें
  • रेप केस के आरोपी साधु को केरल हाईकोर्ट ने दोषी माना और उम्रकैद की सजा सुनाई
  • केरल हाईकोर्ट ने साधु के व्यवहार पर दिलचस्प टिप्पणी भी की
  • 'आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान एक ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा या उसे माध्यम मानता होगा'?

Kerala High Court on rape case: केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के जुर्म में एक साधु को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए टिप्पणी कि ‘हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान ऐसे पुरोहित की प्रार्थना/पूजा-अर्चना स्वीकार करता होगा जिसने बार बार एक नाबालिग से उसके भाई-बहनों के सामने छेडखानी की। न्यायमूर्ति के विनोद और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए ए की पीठ ने मंजेरी के निवासी मधु को अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं।

केरल हाईकोर्ट की खास टिप्पणी
अदालत ने आरोपी की अपील पर यह टिप्पणी की जिसे नाबालिग लडकी के साथ बलात्कार करने को दोषी ठहराया गया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा,‘‘ जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं। इस मामले में हमने एक ऐसे पुजारी को देखा जिसने बस बडी लडकी को वो भी उसके भाई-बहनों की मौजूदगी, बार बार छेड़ने के लिए परित्यक्त महिला एवं उसके तीन बच्चों को अपने पास रखा। हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान भगवान एक ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा या उसे माध्यम मानता होगा?’’उच्च न्यायालय पोक्सो अदालत के आदेश के विरूद्ध सुनवाई कर रहा है।

रेप का आरोप हुआ सिद्ध
अदालत ने कहा कि बलात्कार का अपराध साबित हो जाने के बाद आरोपी धारा 376 (1) के तहत दोषी करार देने के लायक है। आरोपी का पीड़िता के साथ विशेष संबंध तथा अभिभावक के दर्जे पर गौर करते हुए हमारा मत है कि अपीलकर्ता को अधिकतम सजा सुनायी जाए।अभियोजन के अनुसार गंभीर मानसिक रूग्णता संकेत वाली मा और उसके तीन बच्चों को एकमार्च, 2013 को भटकते हुए पुलिस ने पाया था।

पूछताछ के दौरान सबसे बड़ी लड़की ने पुलिस के सामने खुलासा कि उसकी मां जिस व्यक्ति के साथ रह रही थी वह एक साल से उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था।अदालत ने कहा कि आरोपी मंदिर का पुजारी नशे में घर आता था, मां एवं बच्चों के साथ मारपीट करता था और बड़ी लड़की पर उसके भाई-बहनों के सामने यौन हमला करता था । अदालत ने कहा कि मेडिकल जांच में यौन हमले की पुष्टि हुई है और लड़की का भाई इस अपराध का गवाह भी है।

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