लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) को लेकर राजनीति गर्मा रही है इस मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना में बीजेपी आशीष मिश्रा का बचाव कर रही है, एक निजी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'इसे घटना नहीं कहा जा सकता, ऊपर से अनुमति के बिना कुछ नहीं हो सकता।'
एक निजी चैनल से बातचीत में ओवैसी ने आशीष मिश्रा को लेकर कहा, '12 घंटे में 10 बार नाश्ता करवाया गया, लग रहा था कि वो अपने ससुराल गया है,' उनका कहना है कि साफ दिख रहा है कि बीजेपी आशीष को बचाने की कोशिशें कर रही है। ओवैसी का आरोप है कि मासूम सिख किसानों को गाड़ी के नीचे रौंद दिया गया ये इम्पलसिव रिएक्शन नहीं था बल्कि पूरी तैयारी के साथ किया गया था।
गौर हो कि लखीमपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे और मामले में नामजद आरोपी आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है, 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष को गिरफ्तार किया गया।
लखीमपुर खीरी हिंसा में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को शनिवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। लखीमपुर में क्राइम ब्रांच के दफ्तर में करीब 12 घंटे तक चली पूछताछ के बाद आशीष को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद अशीष को देर रात ज्यूडिशिल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, यहां से आशीष मिश्रा को सोमवार तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई होगी। पूछताछ के दौरान आशीष मिश्र ने कई सवालों के जवाब नहीं दिए, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई।
डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मिश्रा को असहयोग और टालमटोल के जवाब के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। वहीं आशीष मिश्रा के वकील अवधेश कुमार ने कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा जाना चाहिए या नहीं, इस पर सोमवार यानी 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में रहेंगे। उन्हें ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने तीन दिन की हिरासत मांगी थी, जिसका हमने विरोध किया था।
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