नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस के नौसैनिक वर्जन की 'अरेस्टिड लैंडिंग' को रात में सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। LCA तेजस एक स्वदेशी तौर पर भारत में विकसित लड़ाकू विमान है। DRDO ने लैडिंग का एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'मंगलवार को तेजस की लैंडिंग को अंजाम दिया गया। यह विमान की हैडलिंग की काबिलियत और हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है।'
सरकारी उपक्रम ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया, 'रात में LCA नेवी की पहली अरेस्ट वायर लैंडिंग एसबीटीएफ गोवा में 12 नवंबर को 1845 बजे सफलतापूर्वक की गई और इसी के साथ लैडिंग तकनीक के आत्मविश्वास और विमान की हैंडलिंग में आसानी का प्रदर्शन किया गया। माननीय रक्षा मंत्री ने डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और एचएएल को उपलब्धि के लिए बधाई दी है।'
LCA (नेवी) तेजस की नाइट-टाइम लैंडिंग का वीडियो देखें:
अभी दो महीने पहले ही, DRDO ने गोवा में दो-सीट वाले LCA (नौसेना) तेजस की पहली अरेस्ट वायर लैडिंग की थी लेकिन यह लैडिंग दिन में की गई थी। इस बार इसे रात में किया गया जो कि दिन की अपेक्षा अधिक चुनौतीपूर्ण काम माना जाता है।
क्या होती है अरेस्ट वायर लैडिंग- वायुसेना अपने विमानों को उड़ाने और लैंड कराने के लिए एयरबेस का इस्तेमाल करती है जिनमें लंबे रनवे होते हैं लेकिन नौसेना लड़ाकू विमानों को एयरक्राफ्टर कैरियर (लड़ाकू विमानों से लैस एक खास जहाज) से संचालित करती है। ये जहाज एयरबेस की तुलना में बहुत छोटे होते हैं और साथ ही इनमें उड़ान भरने और लैंड करने के लिए बहुत कम जगह होती है।
एयरक्राफ्ट कैरियर पर लैडिंग के दौरान लड़ाकू विमानों को अपनी रफ्तार को तेजी से कम करने की जरूरत होती है। इसके लिए अरेस्ट वायर का इस्तेमाल होता है। जहाज पर एक रस्सीनुमा अरेस्ट वायर होती है और विमान में एक हुक होता है। पायलट लैडिंग के दौरान विमान के हुक का संपर्क अरेस्ट वायर से कराता है और इसकी मदद से विमान बहुत छोटी सी जगह में रुक जाता है। यहां आप तेजस की अरेस्ट वायर लैडिंग का स्पष्ट वीडियो देख सकते हैं।
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