मध्य प्रदेश की सरकारी बिजली कंपनी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक घरेलू बिजली उपभोक्ता को करीब 3,419 करोड़ रुपए का बिजली बिल थमा दिया। बिल की रकम देखकर उपभोक्ता का स्वास्थ्य खराब हो गया। जैसे ही बिजली कंपनी को यह जानकारी मिली, उसने तत्काल बिल में सुधार किया और इसे मानवीय भूल बताया।
यह मामला ग्वालियर की शिव विहार कॉलोनी का है। वहा रहने वाले संजीव कनकने ने बताया, ‘‘इस बार हमारा बिजली बिल 3,419 करोड़ रुपए का आया। यह देखकर मेरी पत्नी परेशान हो गईं और पिता की तबीयत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बिजली कंपनी के पोर्टल पर ऑनलाइन देखा तो यही धनराशि बता रहा था।’’ उन्होंने कहा कि जब बिजली कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया तो वे भी हैरान रह गए, लेकिन बाद में बिल में सुधार कर दिया।
वहीं, बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक ने बताया, ‘‘यह एक मानवीय भूल है। दरअसल उपभोक्ता के सर्विस क्रमांक को खपत की गई यूनिट के स्थान पर डाल दिया गया और सॉफ्टवेयर ने उसी हिसाब से बिल बना दिया। यह गलती संज्ञान में आते ही तुरंत बिल को सही किया गया और अब उसका करीब 1,300 रुपए की धनराशि का बिल आया है।’’
पूरे मामले में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा था कि गलती को तुरंत सुधारा गया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।
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