नई दिल्ली: 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस की परेड पर देश का आन-बान और शान का शानदार प्रदर्शन होता है इस मौके पर सेना के प्रदर्शन के साथ ही साथ देश भर के राज्यों की निकलने वाली झांकियां प्रमुख आकर्षण होती हैं जिन्हें देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। खास बात ये कि इन झांकियों का प्रदर्शन जब राजपथ पर होता है तो इन राज्यों के लोग बेहद प्रसन्न होते हैं।
मगर इस बार 26 जनवरी से पहले राज्यों की झांकियों को लेकर विवाद शुरु हो गया है कहा जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस समारोह में पश्चिम बंगाल सरकार की प्रस्तावित झांकी को शामिल करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि विशेषज्ञ समिति ने अपनी दो बैठकों के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया है। इस बैठक में समिति ने प्रस्तावित झांकी की समीक्षा करने के बाद अपना फैसला लिया।
वहीं अब कहा जा रहा है कि ऐसा ही महाराष्ट्र की झांकी के साथ हुआ है मीडिया सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि इस बार के गणतंत्र दिवस की परेड में महाराष्ट्र की झांकी को गृह मंत्रालय ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
इस मामले को लेकर शिवसेना का रुख केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है,पार्टी सांसद संजय राउत का कहना है कि अगर यही कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ होता तो महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती। वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले पर अपना रुख साफ किया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सरकार को कुल 56 झांकियों के प्रस्ताव मिले। इनमें से 22 प्रस्तावों में से 16 प्रस्ताव राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और छह केंद्रीय मंत्रालयों के हैं। इस बार गणतंत्र दिवस के परेड समारोह में इन 22 झांकियों को जगह दी गई है। रक्षा मंत्रालय को इस बार राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के 24 प्रस्ताव मिले।
बयान में कहा गया है, 'झांकियों के जिन 22 प्रस्तावों की मंजूरी मिली है उनमें 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और छह मंत्रालयों/विभागों के हैं। गणतंत्र दिवस परेड समारोह में इन 22 झांकियों को शामिल करने का फैसला पांच बैठकों के बाद लिया गया है।'
बता दें कि गणतंत्र दिवस परेड समारोह में झांकियों को शामिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय हर साल सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, विभागों को प्रस्ताव भेजता है। बयान में आगे कहा गया है, 'समय की पाबंदी को देखते हुए परेड में केवल सीमित संख्या में झांकियों को शामिल किया जा सकता है।'
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