प्रवासी मजदूरों को हुई परेशानी पर भड़कीं मायावती, बोलीं-सरकारों की मानसिकता नहीं बदली

देश
आलोक राव
Updated Apr 14, 2020 | 12:31 IST

Mayawati on lockdowmn : बसपा सुप्रीम ने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों को वापस अपने राज्य जाने के लिए सरकारों ने कोई व्यवस्था नहीं की जिसके चलते इन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

Mayawati slams centre and states for troubles faced by migrant labourers amid lockdown
प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों पर भड़कीं मायावती। 
मुख्य बातें
  • लॉकडाउन की घोषणा के बाद कई प्रदेशों से हुआ प्रवासी मजदूरों का पलायन
  • यात्रा का बंदोबस्त न होने पर पैदल ही अपने सफर पर निकल गए लोग
  • मायावती ने कहा कि इन वर्गों के प्रर्ति अभी भी सरकारों की मानसिकता नहीं बदली

नई दिल्ली : देश में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को हुई परेशानी एवं समस्याओं के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को केंद्र एवं राज्य सरकारों पर निशाना साधा। मायावती ने कहा, 'कोरोना वायरस की महामारी के चलते दलितों, आदिवासियों और हाशिए के लोगों की हालत हमने देखी है। इससे स्पष्ट है कि इन वर्गों के प्रति केंद्र एवं राज्य सरकारों की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं हुआ है।'

केंद्र एवं राज्य सरकारों पर प्रवासी मजदूरों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इस फैसले के बाद रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे राज्य जाने वाले मजदूरों को अपने गृह राज्य लौटने के लिए बाध्य होना पड़ा। राज्य सरकारों की अनदेखी और फैक्टरी मालिकों के रवैये के चलते मजदूरों को वापस आना पड़ा।

उन्होंने कहा, 'मैं यह कहना चाहूंगी कि दूसरे राज्यों से जो लोग अपने गृह राज्य लौटे उनमें से करीब 90 प्रतिशत दलित, आदिवासी और दूसरे वर्गों के हाशिए पर रहने वाले मजदूर हैं। बाकी 10 प्रतिशत लोग गरीब हैं। जिन राज्यों में ये लोग फंस गए थे, उन राज्यों की सरकारों ने इन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही उन्हें दैनिक जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध कराईं।'

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों को वापस अपने राज्य जाने के लिए सरकारों की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई जिसके चलते इन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्रा का कोई बंदोबस्त नहीं होने से इन लोगों को पैदल ही अपने राज्यों के लिए निकलना पड़ा। कुछ सरकारों ने महामारी फैलने के डर से इन्हें बस एवं ट्रकों में भरकर दूसरी जगहों पर छोड़ा। इनमें से ज्यादातर लोगों को अभी भी अपने घर जाने की इजाजत नहीं है। इन लोगों को अलग रखा गया है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर तीन मई कर दी। देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले एक सप्ताह के दौरान सभी इलाकों की कड़ाई और करीबी से निगरानी की जाएगी। इस दौरान किसी क्षेत्र के हॉटस्पॉट बनने की कोई गुंजाइश नहीं मिलने पर वहां थोड़ी-बहुत छूट दी जाएगी। पीएम ने कोरोना वायरस के खिलाफ मुहिम में लोगों से सात वचनों का पालन करने का अनुरोध किया। 


 

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