अब खत्म होगा लद्दाख में जारी भारत-चीन गतिरोध? आज दोनों देश के सैन्य कमांडरों की बैठक

देश
लव रघुवंशी
Updated Jun 06, 2020 | 09:00 IST

India-China military talks over Ladakh standoff: पूर्वी लद्दाख में जारी विवाद के मद्देनजर आज भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत होगी। इस बातचीत से विवाद के हल होने की उम्मीद है।

India-China Border Dispute
फाइल फोटो 
मुख्य बातें
  • भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे
  • दोनों पक्षों के बीच स्थानीय कमांडरों की कम से कम 12 दौर की बातचीत हो चुकी है
  • मेजर जनरल स्तरीय अधिकारियों के बीच भी तीन दौर की बातचीत हो चुकी है

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर महीने भर से जारी सीमा गतिरोध को समाप्त करने के मकसद से आज भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक होगी। यह बातचीत पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर में मालदो में सीमा कर्मी बैठक स्थान पर होगी। 14वीं कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह मेजर जनरल लियू लिन के साथ बातचीत करेंगे। मेजर जनरल लियू लिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के दक्षिण झिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं। 

इससे पहले दोनों देशों ने शुक्रवार को राजनयिक वार्ता की। दोनों देशों ने एक दूसरे की संवेदनशीलता, चिंता एवं आकांक्षाओं का सम्मान करने तथा इन्हें विवाद नहीं बनने देने पर भी सहमति जताई। बातचीत में दोनों पक्ष मतभेदों को दूर करने पर सहमत हुए। वहीं, चीन ने कहा है कि दोनों देशों को एक दूसरे के लिए खतरा पैदा नहीं करना चाहिए।

'5 मई से पहले की स्थिति वापस लौटे'

एक शीर्ष सैन्य अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'बातचीत में हमारे लिये एकसूत्री एजेंडा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति एवं स्थिरता वापस लाना है। हम इसे हासिल करने के लिए विशेष उपाय का सुझाव देंगे, जिनमें पांच मई से पहले की स्थिति में लौटना शामिल होगा।' यह गतिरोध पांच मई को पैंगोंग त्सो में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़पें होने के बाद शुरू हुआ था। समझा जाता है कि थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने वार्ता से पहले पूर्वी लद्दाख में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ व्यापक समीक्षा की। 

5 मई को दोनों देशों के सैनिक भिड़े थे

2017 के डोकलाम प्रकरण के बाद दोनों पक्षों के बीच यह सबसे गंभीर सैन्य गतिरोध है। पिछले महीने गतिरोध शुरू होने के बाद भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया कि भारतीय सेना पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित क्षेत्रों में चीनी सैनिकों की आक्रामक मुद्रा से निपटने के लिए दृढ़ दृष्टिकोण अपनाएगी। समझा जाता है कि चीन पैंगोंग त्सो और गलवान घाटी में लगभग 2,500 सैनिकों को तैनात करने के अलावा धीरे-धीरे अस्थायी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है और हथियारों की तैनाती बढ़ा रहा है। दोनों देशों के सैनिक गत पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र में लोहे की छड़ और डंडे लेकर आपस में भिड़ गए थे। उनके बीच पथराव भी हुआ था। इस घटना में दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए थे।


 

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