नयी दिल्ली: महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि देश में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं और इनमें से आधे से अधिक अत्यंत कुपोषित की श्रेणी (SAM) में आते हैं। कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं।
मंत्रालय ने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा कि 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़ों से कुल 33,23,322 बच्चों के आंकड़े आये। ये आंकड़े पिछले साल विकसित पोषण ऐप पर पंजीकृत किये गये, ताकि पोषण के परिणामों पर निगरानी रखी जा सके।मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया, 'आंगनवाड़ी व्यवस्था में 8.19 करोड़ बच्चों में से केवल 33 लाख कुपोषित हैं, जो कुल बच्चों का केवल 4.04 प्रतिशत है।'ये संख्या अपने आप में चिंताजनक है, लेकिन पिछले साल नवंबर की तुलना में ये और अधिक चिंता पैदा करते हैं। नवंबर 2020 से 14 अक्टूबर, 2021 के बीच गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में 91 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी।हालांकि, इस संबंध में दो तरह के आंकड़े हैं, जो आंकड़ों के संग्रह के विविध तरीकों पर आधारित हैं।
पिछले साल अत्यंत कुपोषित बच्चों (छह महीने से लेकर छह साल तक) की संख्या 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा गिनी गयी और केंद्र को बताई गयी। ताजा आंकड़े पोषण ट्रैकर ऐप से लिये गये हैं, जहां आंकड़े सीधे आंगनवाड़ियों द्वारा दर्ज किये जाते हैं तथा केंद्र इन्हें प्राप्त करता है।
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