पैगंबर विवाद से बैकफुट पर भाजपा, क्या दूसरे नेताओं के बदलेंगे सुर !

Prophet Muhammad Contempt Controversy: अरब देशों से भारत सरकार के अच्छे कूटनीतिक , सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को देखते हुए भारत के लिए यह जरूरी हो गया था कि वह इस मुद्दे को गरमाने से रोके। खाड़ी देशों में करीब 88 लाख भारतीय रहते हैं।

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विवाद के बाद भाजपा का एक्शन  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं के लिए नई गाइडलाइन बनाई है।
  • नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल के अलावा भी पार्टी के कई ऐसे नेता रहे हैं, जिनके बयानों को लेकर विवाद हो चुके हैं।
  • कच्चे तेल पर भारत की खाड़ी देशों पर बड़ी निर्भरता है।

Prophet Muhammad Contempt Controversy: पैगंबर मुहम्मद साहब (Prophet Muhammad ) के ऊपर विवादित टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ लिया है। दुनिया के प्रमुख मुस्लिम देशों (Muslim Countries) के कड़े विरोध के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई है। उसने न केवल विवाद को शांत करने के लिए दोनों प्रवक्ता पर कार्रवाई की है। बल्कि अब सरकार में अहम मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) की तरफ से भी सफाई आई है। इस बीच आगे ऐसा कोई विवाद नहीं हो, इसलिए भाजपा ने प्रवक्ताओं के गाइडलाइन भी तय कर दी है। जाहिर है पार्टी जल्द से जल्द इस विवाद को खत्म करना चाहती है। ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि क्या इस विवाद के बाद, विवादित बयान देने वाले दूसरे नेताओं के सुर बदलेंगे?

क्यों दबाव में सरकार से लेकर पार्टी

असल में जब एक टीवी डिबेट के दौरान नुपूर शर्मा और एक ट्वीट के जरिए नवीन जिंदल ने पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो पहले तो उसका विरोध घरेलू स्तर पर शुरू हुआ। लेकिन मामले ने तूल पकड़ा जब अरब देशों ने इस पर नाराजगी जाहिर करनी शुरू की। इन देशों में  सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ईरान, पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान (तालिबान) के बाद  दूसरे मुस्लिम देश इंडोनेशिया और मालदीव ने भी टिप्पणी कर दी। इसके अलावा  Organisation of Islamic Countries (OIC)ने भी आपत्ति दर्ज करा दी। कई देशों ने इस मामले पर भारतीय राजदूतों को भी तलब किया। 

अरब देशों से भारत सरकार के अच्छे कूटनीतिक , सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को देखते हुए भारत के लिए यह जरूरी हो गया था कि वह इस मुद्दे को गरमाने से रोके। खाड़ी देशों में करीब 88 लाख भारतीय रहते हैं। और पिछले साल उन्होंने करीब 87 अरब डॉलर की रकम, भारत भेजी है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम और गैस के लिए खाड़ी देशों पर कहीं ज्यादा निर्भर है। करीब 60 फीसदी तेल खाड़ी देशों से आता है। मजबूत रिश्तों पर कोई आंच न आय  इसलिए भारत सरकार ने यह साफ किया किसी प्रवक्ता के बयान का मतलब भारत सरकार की सोच नहीं है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने भी कार्रवाई कर मामले को ठंडा करने की कोशिश की है।

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पार्टी ने प्रवक्ताओं के लिए बनाई नई गाइडलाइन

इस बीच आगे ऐसा कोई विवाद न हो, भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं के लिए नई गाइडलाइन बनाई है। इसके तहत अब केवल आधिकारिक प्रवक्ता और पैनलिस्ट ही टीवी चैनलों की डिबेट में जाएंगे। इन्हें पार्टी का मीडिया सेल तय करेगा। दूसरी अहम बात किसी भी धर्म के खिलाफ और उनके पूजनीय और प्रतीकों के बारे में विवादास्पद बातें नहीं बोलनी है। संयमित भाषा का प्रयोग करना है। उत्तेजित और उद्वेलित नहीं होना है और किसी के उकसावे पर भी पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करना है।

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इन नेताओं के रहे हैं विवादित बोल

नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल के अलावा भी पार्टी के कई ऐसे नेता रहे हैं, जिनके बयानों को लेकर विवाद हो चुके हैं। इस लिस्ट में साक्षी महाराज, तेजस्वी सूर्या, गिरिराज सिंह, संगीत सोम, अनंत कुमार हेगड़े, प्रज्ञा ठाकुर जैसे नेताओं के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। अब देखना है कि ताजा विवाद और भाजपा की पार्टी के अंदर नेताओं को नसीहत कितनी काम आती है।

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