नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन पिछले ढाई महीने से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं और अब इस आंदोलन में सियासी एंट्री हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी किसानों की मांग के समर्थन में कह रही है कि मौजूदा मोदी सरकार अन्नदाताओं के साथ नाइंसाफी कर रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कल कहा कि मौजूदा सरकार तो हम दो हमारे दो वाली है और देश को सिर्फ चार लोग चला रहे हैं। इन सबके बीच उन्होंने कहा कि एक राजनैतिक पार्टी होने के नाके वो किसानों के मुद्दे को उठाते रहेंगे और उसी क्रम में उन्होंने राजस्थान की धरती से मोदी सरकार को कोसा।
कृषि कानून लागू होने से यह असर होगा
श्री गंगानगर में राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन कृषि कानून लागू होंगे 40% लोगों का व्यवसाय और 40 लाख रुपये का व्यवसाय, व्यापारियों, विक्रेताओं, किसानों और श्रमिकों का, सिर्फ 2 लोगों के हाथों में जाएगा। यह किसानों का आंदोलन नहीं बल्कि भारत का आंदोलन है। किसानों ने अंधेरे में उजाला दिखाया।
किसान आंदोलन के साथ है कांग्रेस
राहुल गांधी ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों से बातचीत के दावे करती है तो दूसरी तरफ दिल्ली की सीमा पर जिस तरह से कीलबंदी की गई वो क्या था। किसानों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहत सीधा सा सवाल यह है कि अगर कानून में खामी नहीं है तो सरकार संशोधन के लिए क्यों तैयार है। सरकार आखिर किसानों को मुर्ख क्यों समझ रही है। दिल्ली की सीमा पर डटे हुए किसान, कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। वो और उनकी पार्टी किसानों के आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इतिहास गवाह है कि जिन सरकारों ने किसानों के साथ ज्यादती की हैं उनके साथ क्या हुआ है।
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