मुजफ्फरनगर: किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आंदोलन स्थल को नहीं छोड़ेंगे, भले ही उनका कब्रिस्तान वहां बना हो। उन्होंने कहा कि हम संकल्प लेते हैं कि हम धरना स्थल को (दिल्ली की सीमाओं पर) नहीं छोड़ेंगे, भले ही हमारा कब्रिस्तान वहां बना हो। जरूरत पड़ने पर हम अपनी जान भी दे देंगे, लेकिन जब तक हम विजयी नहीं हो जाते, तब तक धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे। टिकैत ने मुजफ्फनगर में किसान महापंचायत में विशाल सभा को संबोधित करते हुए ये बात कही।
उन्होंने कहा कि जब सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जाएंगे। किसानों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती। जब सरकार बातचीत करेगी तो हम करेंगे। आजादी के लिए संघर्ष 90 साल तक जारी रहा, इसलिए मुझे नहीं पता कि यह आंदोलन कब तक चलेगा। टिकैत ने कहा कि ये महापंचायत पूरे देश में होगा। हमें देश बिकने से बचाना है। हमारी मांग रहेगी कि देश, किसान, व्यापार और युवा बचे।
15 राज्यों के हजारों किसान कड़ी सुरक्षा के बीच उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में महापंचायत के लिए एकत्र हुए हैं। महापंचायत में भाग ले रही एक महिला किसान ने कहा कि हम यहां तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करते हैं।
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