नई दिल्ली : अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होगा। इसके लिए भूमिपूजन की तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए देश भर से मदद के हाथ उठ रहे हैं। ऐसे में प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू भी राम मंदिर निर्माण में अपना योगदान देने के लिए आगे आए हैं। सोमवार को गुजरात के पिठोरिया में चल रही ऑनलाइन कथा के दौरान मोरारी बापू ने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए तुलसीपत्र के रूप में सबसे पहले यहीं से 5 करोड़ रुपए अयोध्या भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें पांच लाख रुपए चित्रकूट धाम की ओर से और शेष दान की राशि श्रोताओं की तरफ से भेजी जाएगी।
मोरारी बापू ने कहा, 'आगामी 5 अगस्त से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने वाला है।अगर मैं संकेत करूं तो कोई अकेला व्यक्ति भी यह काम कर सकता है, लेकिन मेरी इच्छा है कि यह काम सभी श्रद्धालु मिलकर करें। मैं चाहता हूं कि सभी श्रद्धालु मिलकर दान की राशि एकत्र करें और फिर इस दान को भगवान राम के चरणों में अर्पित की जाए।'
सुप्रसिद्ध कथावाचक ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहले 5 करोड़ रुपए तुलसीपत्र के रूप में यहीं से जाएंगे। बता दें कि राम मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए देश भर में राम भक्त सामने आए हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की योजना दान के जरिए मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने की भी है। कुछ दिनों पहले लखनऊ से अयोध्या आए राम भक्तों ने ट्रस्ट को दान दिए। अब इसमें मोरारी बापू का भी नाम जुड़ गया है। उन्होंने लोगों से दिल खोलकर दान देने की बात कही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की तरफ से कहा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए न केवल हिंदुओं से बल्कि सभी समुदायों से दान स्वीकार किया जाएगा।
कर्नाटक में उडुपी स्थित पेजावर मठ के प्रमुख विश्वप्रसन्न तीर्थ स्वामी ने कहा कि ऐसा सुझाव दिया गया है कि धन जुटाने की कोशिशों के तहत हर व्यक्ति से दस रुपए और हर परिवार से 100 रुपए लिए जाएंं। वह हाल ही में ट्रस्ट की एक डिजिटल बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा, 'हम हर उस व्यक्ति से दान स्वीकार करेंगे जिसकी भगवान राम के प्रति श्रद्धा और विश्वास है।'
उनके अनुसार मंदिर के निर्माण में 300 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है और मंदिर से संबंधित गतिविधियों के लिए आसपास के इलाकों के विकास के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी।
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