केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- धोखेबाज है चीन, भारत में बंद हो चाइनीज फूड और इन्हें बेचने वाले होटल

देश
किशोर जोशी
Updated Jun 18, 2020 | 15:42 IST

अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले कहा है कि चीनी फूड्स का भी बहिष्कार होना चाहिए और इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

Boycott Chinese food, ban restaurants, Ramdas Athawale says amid India-China border tensions
धोखेबाज है चीन, भारत में बंद हो चाइनीज फूड: अठावले 
मुख्य बातें
  • इन दिनों से भारत और चीन के बीच चल रहा है जबरदस्त तनाव
  • गलवान में चीन से भारत के जवानों पर किया था कायराना हमला, 20 जवान हुए थे शहीद
  • चीन के विरोध में उतरे केंद्रीय मंत्री अठावले, बोले- चाइनीज फूड का करें बॉयकॉट

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच इन दिनों तनाव चरम पर हैं। सोमवार को चीनी सेना द्वारा छिपकर किए गए हमले में भारतीय आर्मी के 20 जवान शहीद हो गए। इस हिंसक झड़प में चीन की तरफ से भी काफी सैनिकों के हताहत होने की खबर है। चीन की इस कायरान हरकत का देशभर में विरोध हो रहा है। इन सबके बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लोगों से चीनी खाने का भी बहिष्कार करने की अपील की है।

चीन का हो बॉयकाट

 अठावले अक्सर अपने अजीबोगरीब बयानों के लिए जाने जाते हैं। भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी पर प्रतिक्रिया देते हुए अठावले ने कहा, 'चीन धोखा देने वाला देश है। भारत मे चीन के सभी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए। चायनीज फूड और चायनीज फूड के होटेल भारत मे बंद करने चाहिए।'  अठावले ने कहा कि सीमा पर शहीद हुए 20 बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

दिया था 'गो कोरोना गो' का नारा

 आपको बता दें कि जब देश में कोरोना वायरस के शुरूआती मामले आए थे तो तब भी अठावले काफी चर्चा में रहे थे। दरअसल तब अठावले का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसमें वो ‘गो कोरोना गो’ का नारा लगा रहे थे। यह नारा काफी वायरल हुआ था। दरअसल चीन और भारत के बीच मौजूदा तनाव के बाद देशभर में चीन के खिलाफ विरोध तेज हो चला है। लोगो सोशल मीडिया पर भी चीन के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं और चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं।

20 जवान हुए थे शहीद

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस सैन्य टकराव के कारण दोनों देशों के बीच क्षेत्र में सीमा पर पहले से ही तनावपूर्ण हालात और खराब हो गए ।वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर