पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के लिए पार्टी नेताओं एवं समर्थकों को अभी कुछ और दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। दुमका कोषागार घोटाला मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने गत शनिवार को लालू यादव को जमानत दे दी। न्यायिक हिरासत में चल रहे राजद सुप्रीमो आज रिहा हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि लालू यादव के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनके परिवार ने उन्हें पटना नहीं लाने का फैसला किया है।
मीसा भारत के आवास पर रुक सकते हैं
परिवार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लालू कुछ दिनों तक अपनी बेटी एवं राज्यसभा की सांसद मीसा भारती के आवास पर कुछ दिनों तक रुक सकते हैं। लालू यादव की पत्नी एवं राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। रिपोर्टों के मुताबिक राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, 'लालू जी अभी मधुमेह, किडनी एवं हाइपरटेंशन जैसे कई रोगों से जूझ रहे हैं। उनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर ही उन्हें पटना लाया जाएगा।' परिवार के सदस्यों को लगता है कि नई दिल्ली से लालू को लाए जाने पर पार्टी के समर्थक उनसे मुलाकात के लिए बड़ी संख्या में राबड़ी के 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास और पटना एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में जुटेंगे।
कई बीमारियों से ग्रसित हैं राजद प्रमुख
राजद के एक अन्य नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है, 'चूंकि पटना कोरोना की दूसरी लहर की चपटे में है। ऐसे में स्वास्थ्य के लिहाज से लालू जी को पटना लाना अभी सुरक्षित नहीं है।' राजद सुप्रीम को छोटे बेटे एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव को पटना लाना बहुत कुछ एम्स में उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों की सलाह पर निर्भर करेगा। लालू यादव को दुमका कोषागार गबन में 40 महीने बाद जमानत मिली है।
2017 से जेल में बंद हैं लालू
हाई कोर्ट ने दस लाख रुपये जुर्माने की राशि जमा करने, विदेश नहीं जाने और मोबाइल नंबर नहीं बदलने की शर्त के साथ एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलकों पर उन्हें जमानत दी है। उनका अभी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान में न्यायिक हिरासत में इलाज चल रहा है। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो के विरोध को दरकिनार करते हुए लालू प्रसाद को जमानत दे दी। लालू देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की राशि के गबन के आरोप में यहां सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराये जाने के बाद से जेल में हैं।
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