"शाहीन बाग" दिल्ली चुनाव एजेंडे में था अहम, नतीजे आने के बाद है खामोश!

देश
रवि वैश्य
Updated Feb 11, 2020 | 18:04 IST

दिल्ली चुनाव से पहले "शाहीन बाग" ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था लेकिन आज आम आदमी पार्टी की जीत के बाद भी यहां एकदम शांति पसरी है और काली पट्टी बांधकर प्रदर्शनकारी शांत बैठे हैं।

Shaheen Bagh silent on aam aadmi party record victory in delhi assembly elections 2020
शाहीन बाग आज सुबह से शांत है एक अजब सा सन्नाटा वहां सुबह से ही पसरा है  

नई दिल्ली: "शाहीन बाग" (Shaheen Bagh) दिल्ली के एक इलाके का महज नाम ही नहीं बल्कि इसे अब एक आंदोलन के रुप में जो पहचान मिली है उसकी याद लंबे समय तक ताजा रहेगी। नागरिकता कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) को लेकर वहां करीब 2 महीने से लगातार आंदोलन चल रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी राजनीति शाहीन बाग के इर्द गिर्द घूम रही थी।

चुनाव से पहले शाहीन बाग में फायरिंग की घटना ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था बाद में फायरिंग करने वाले कपिल को भी आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताया गया जिसे लेकर काफी तकरार भी हुई थी।

मंगलवार को आम आदमी पार्टी की बंपर जीत के बाद पूरी दिल्ली में जश्न का माहौल है वहीं आम दिनों में लोगों से गुलजार रहने वाला शाहीन बाग शनिवार सुबह से शांत है एक अजब सा सन्नाटा वहां सुबह से ही पसरा है जो केजरीवाल की जीत के बाद भी नहीं टूटा।

कहा जा रहा है कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि 11 फरवरी को पुलिस क्रूरता और उत्पीड़न के खिलाफ शाहीनबाग में मौन विरोध जारी रहेगा और विरोध स्वरुप लोग काले कपड़े पहनेंगे। प्रदर्शनस्थल पर ये लोग काली पट्टी बांधकर चुप बैठे हैं।

 

 

प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए थे सवाल
इससे पहले सोमवार को शाहीनबाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध कर दूसरों के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते। शाहीनबाग से इन प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दायर याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटस जारी किए। 

पीठ ने कहा कि एक कानून है और इसके खिलाफ लोग हैं। मामला न्यायालय में लंबित है। इसके बावजूद कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। वे विरोध करने के हकदार हैं। आप सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते। इस तरह के क्षेत्र में अनिश्चितकाल के लिए विरोध प्रदर्शन नहीं हो सकता। यदि आप विरोध करना चाहते हैं, तो ऐसा एक निर्धारित स्थान पर होना चाहिए।

शाहीन बाग प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले एक दंपत्ति के नवजात बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने नवजात बच्चे की मौत पर कहा कि क्या चार महीने का बच्चा इस तरह के विरोध प्रदर्शनों में भाग ले सकता है? इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। 

 

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