सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करूंगा, निराधार आरोप झेलने पड़े, बरी होने पर बोले शशि थरूर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पर साल 2014 में उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में केस चल रहा था। उन पर साल 2015 में एफआईआर दर्ज की गई थी।

Congress leader Shashi Tharoor
कांग्रेस नेत शशि थरूर  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • शशि थरूर को अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी बनाया गया था।
  • उन पर अपनी पत्नी को हत्या के लिए उकसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगा था।
  • कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है। सुनंदा पुष्कर की मौत के समय शशि थरूर यूपीए सरकार में मंत्री थे।थे।

नई दिल्ली। करीब साढ़े सात साल से चल रहे कोर्ट ट्रायल के बाद आज कांग्रेस नेता शशि थरूर को बड़ी राहत मिली है। उन्हें अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बरी कर दिया गया है। अदालत के फैसले के बाद शशि थरूर ने बयान जारी करते हुए कहा है "मैं न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को उनके फैसले के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। अब मैं और मेरा परिवार पत्नी सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर सकेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि मुझे कई निराधार आरोप झेलने पड़े हैं और मीडिया की तरफ से भी बदनामी का सामना करना पड़ा है। लेकिन आज मेरे रुख पर मुहर लग गई है।" 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के फाइव स्टार लीला होटल में रहस्यमय हालात में सुनंदा पुष्कर की मौत हुई थी। शशि थरूर पर पर मौत के लिए उकसाने का आरोप लगा था। उस समय वह यूपीए सरकार में मंत्री हुआ करते थे।

Shashi Tharoor Statement

न्याय मिला

उन्होंने अपने बयान में कहा है " हमारी न्याय व्यवस्था में कई बार प्रक्रिया ही सजा बन जाती है। खैर हकीकत यह है कि मुझे न्याय मिला है और हमारा पूरा परिवार सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेगा। थरूर ने कहा यह साल कई काफी  प्रताड़ना भरे थे। मुझे कई बेबुनियाद आरोपों का सामना करना पड़ा। लेकिन मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। इस फैसले पर उन्होंने अपने  वकीलों को भी शुक्रिया कहा, जिन्होंने उनके लिए लड़ाई लड़ी है।"

क्या है मामला

शशि थरूर पर अपनी पत्नी सुनंद पुष्कर पर हत्या करने के लिए उकसाने का आरोप और प्रताड़ित करने का आरोप दिल्ली पुलिस ने लगाया था। इसी के तहत शशि थरूर को आईपीसी की धारा 498 ए और धारा 306  के तहत आरोपी बनाया गया था। इस मामले में पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार का भी नाम सामने आया था। थरूर के खिलाफ साल 2015 में एफआईआर दर्ज की गई थी।
 

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