Twin Tower Demolition के बाद मलबे में दिखी 'महासमाधि', बोले लोग- दशहरे पर फोड़ते तो त्यौहार भी मनता और मनोरंजन भी होता

देश
अभिषेक गुप्ता
अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 28, 2022 | 17:12 IST

Twin Tower Demolition: करीब 100 मीटर ऊंचे ट्विन टॉवर एपेक्स और सियान को ढहाने का आदेश उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष अगस्त में दिया था। इन दो टावर में 900 से अधिक फ्लैट थे।

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नोएडा के सेक्टर 93-ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर गिरा दिया गया।   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त किए गए सबसे ऊंचे ढांचे थे
  • इन्हें गिरान को 3,700 किलो से अधिक विस्फोटक हुए इस्तेमाल
  • ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित थे

Twin Tower Demolition: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 93-ए में सुपरटेक के ट्विन टावर रविवार (28 अगस्त, 2022) दोपहर ढहा दिए गए। अवैध रूप से बनाए गए इस गगनचुंबी ढांचे को ब्लास्ट करने के टॉप कोर्ट के आदेश के करीब साल भर बाद यह एक्शन हुआ। कुतुब मीनार से भी ऊंचे लगभग 100 मीटर ऊंचे इन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से चंद सेकेंड में जमींदोज कर दिया।

धमाकों के बाद जैसे ही ये टावर भरभराकर ताश के पत्तों की तरह गिरे, उसके बाद इससे जुड़े फोटो और वीडिया सामने आने लगे। सोशल मीडिया पर इनके ध्वस्तीकरण को देख लोगों ने भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। @sumtijain26 ने कहा, "अब सफाई वालों की शामत आ जानी है।" 

टि्वटर पर @SinghNh2122 के हैंडल से कहा गया, "देशा के 90 करोड़ रुपए बर्बाद।  धन्य है ऐसे कानून, जिससे मटीरियल और पैसे बर्बाद हुए। ये टावर शायद इसलिए भी गिराए गए क्योंकि इन्हें भारत की सबसे बड़ी इमारत का दर्जा प्राप्त होने वाला था। अन्य इमारतों का मोल खत्म हो जाता। हॉस्पिटल बना दिया जाता सरकारी तो अच्छा था।"  

@Hemant_Gu के अकाउंट से कहा गया, "एडमिनिस्ट्रेशन में क्रिएटिविटी की काफी कमी है। कायदे से इन दोनों टावरों को दशहरे के दिन रावण और कुंभकरण के मुखौटे लगा के ढहा देते तो त्यौहार का त्यौहार, मनोरंजन का मनोरंजन और बुराई पर अच्छाई की विजय टाइप माहौल भी बन जाता।" @7VIKRANTKAUSHIK की ओर से लिखा गया- लोग  टूट  जाते  हैं  एक  घर  बनाने  में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।

@sinha0702 के अकाउंट से कहा गया, "क्या सुपरटेक के अन्य प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी ली गई। वाकई में सुपरटेक बिल्डर
भ्रष्टाचारियों के ऊपर बारूद प्रहार हुआ? सुपरटेक बिल्डर ने 95% पैसे लेकर 12 साल से ईको विलेज-2 के बायर्स को फ्लैट न देकर अब अपने आप को दिवालिया धोषित कर रखा है। हम बायर्स केवल घर के इंतजार में कर्ज भर रहे हैं।"  @ImSKM091 के हैंडल से कहा गया- जिस स्तर की धूल, मिट्टी और मलबा वहां देखा गया, वहां बेहद चिंता पैदा करने वाला है।

बिल्डरों-प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त- FPCI
इस बीच, घर खरीदारों की संस्था फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव अफर्ट्स (एफपीसीई) ने इस कार्रवाई को फ्लैट मालिकों के लिए एक बड़ी जीत बताया। साथ ही कहा कि इस कदम से बिल्डरों और विकास प्राधिकरणों का अहंकार भी ध्वस्त हुआ। इस मामले में विकास प्राधिकरणों की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए।

 

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