नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमित लोगों की तादादा 19 हजार के आंकड़े को छूने वाली है, इस बीच सबसे ज्यादा खराब हालात महाराष्ट्र में है। महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है। लेकिन जिस तरह से मुंबई और पुणे में लॉकडाउन में मिली छूट की धज्जियां उड़ीं उसके बाद वो छूट वापस ले ली गई। महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों की शिकायत है कि उन्हें बुनियादी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि सभी आवश्यक सुविधाएं राज्य सरकार की तरफ से मुहैया कराई जा रही है। लेकिन इन सबके बीच उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में केंद्र सरकार से अपील के साथ सुझाव दिया है।
उद्धव सरकार की दलील
उद्धव ठाकरे कहते हैं कि यदि केंद्र को लगता है कि 30 अप्रैल से 15 मई के बीच कोविड-19 के मामलों में इजाफा होता है तो सरकार को प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक भेजने के बारे में सोचना चाहिए। इसके लिए स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की जरूरत होगी और इस संबंध में कोई गाइडलाइन अप्रैल के अंत कर जारी की जानी चाहिए।
राहत कैंपों में इंतजाम लेकिन...
महाराष्ट्र में 6 लाख प्रवासी मजदूरों को राहत कैंपों में खाना, मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेकिन अपने घरों से इतने दिनों तक दूर रहने की वजह से तरह तरह की उन्हें मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों को शिकायत है कि कहने को वो राहत कैंपों में जरूर हैं।लेकिन बदइंतजामी ज्यादा है। खाने पीने की दिक्कत आ रही है। यहा बता दें कि अलग अलग राज्य सरकारों का कहना है कि जो मजदूर जहां भी हैं वो वहीं रहें उनके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।
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