अगर हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं तो, चीन के कम से कम दोगुने से भी ज्यादा मारे गए होंगे: जनरल सिंह

पूर्व थलसेना अध्य़क्ष और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा है कि गलवान में जहां भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं वहीं चीन के दोगुने से भी ज्यादा मारे गए होंगे।

Union Min VK Singh says if 20 died here, then it must have been double that number there china
'हमारे 20 शहीद हुए है तो चीन के दोगुने से भी ज्यादा होंगे' 
मुख्य बातें
  • केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने गलवान में हुई हिंसक झड़प को लेकर दिया बड़ा बयान
  • हमारे 20 शहीद हुए तो उनके दोगुने से भी ज्यादा मारे गए होंगे- जनरल सिंह
  • गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हो गए भारत के 20 जवान

नई दिल्ली: गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार के किसी मंत्री की तरफ से पहली बार बयान आया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (रिटायर) ने कहा है कि 15 जून को गलवान वैली में हिंसा के दौरान जितने सैनिक भारत के शहीद हुए हैं उसके दोगुनें दूसरी तरफ मारे गए होंगे।  इतना ही नहीं जनरल सिंह ने कहा कि हमने भी चीनी सैनिकों को हिरासत में रखा था जिन्हें छोड़ दिया गया है।

उनके कितने घायल पता नहीं किसी को
न्यूज 24 से बात करते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल सिंह ने कहा, 'अगर हमारे 20 शहीद हुए हैं तो वहां पे कम से कम डबल से ज्यादा ही होंगे। 43 की संख्या आ गई है जो कि आधिकारिक तौर पर दी गई है। वो, वो हैं जो हमारे लोगों ने देखे जो कि गिरे और उनको पड़े दिखाई दिए हैं। उसके अळावा और उसके अंदर कितने घायल हुए होंगे पता नहीं किसी को। तो य कहना कि हमारे लोग खड़े थे और वो आकर डंडे से मार दिए, ऐसा नहीं है। अगर उन्होंने एक मारा है तो हमारों ने दो मारे होंगे।'

हमने भी उनके जवान छोड़े
इसके अलावा जनरल (रिटायर) सिंह ने कहा, 'वो अपने इलाके पर थे, हम अपने इलाके मैं थे। जब झड़प हुई तो कुछ हमारे उनकी तरफ चले गए और कुछ उनके हमारी तरफ आ गए। इसलिए जब कल किसी ने चला रखा था मीडिया के अंदर कि हमारे इतने लोगों को सुबह लौटाया, इसी तरह उके लोगों को लौटाया जो हमारी तरफ आ गए थे।' हालांकि चीन ने अभी तक ये नहीं बताया है कि उसके कितने जवान इस हिंसा में मारे गए हैं।

पीएम मोदी ने कही थे ये बात

 इससे पहले शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, ' न तो किसी ने हमारी सीमा में प्रवेश किया है, न ही किसी भी पोस्ट पर कब्जा किया गया है। हमारे 20 बहादुर जवानों ने लद्दाख में राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, लेकिन उन्होंने उन लोगों को सबक भी सिखाया जिन्होंने हमारी मातृभूमि की ओर देखने का दुस्साहस किया। राष्ट्र उनके साहस और बलिदान को हमेशा याद रखेगा।'

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