Verdict on Yasin Malik: 'टेरर फंडिंग' केस में यासीन मलिक 'फांसी' से बचा, दो मामलों में उम्रकैद की सजा, NIA कोर्ट ने सुनाया फैसला

देश
रवि वैश्य
Updated May 25, 2022 | 18:40 IST

Terror funding Case Verdict: यासीन मलिक  की सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था जिसपर अब फैसला आ गया है, यासीन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

Verdict on Yasin Malik
NIA की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई को दौरान एनआईए ने फांसी की सजा की मांग की थी 

JKLF Leader Yasin Malik Terror funding Case Verdict: दिल्ली की एक अदालत द्वारा दोषी करार दिये गये कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा का ऐलान हो गया है यासीन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। गौर हो कि कोर्ट में बहस पूरी हो गई थी और अब सजा का ऐलान भी हो गया है, कश्मीरी पंडितों के कातिल आतंकी यासीन मलिक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। 

NIA की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई को दौरान एनआईए ने फांसी की सजा की मांग की थी वहीं बचाव पक्ष ने उम्रकैद की मांग की थी,कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पहले ही अदालत ने दोषी करार दे दिया था।

19 मई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने यासीन को दोषी करार दिया था। यासीन मलिक को सजा के ऐलान से पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि फांसी या उम्रकैद मसले का हल नहीं है, भारत सरकार की नीति दमन की रही है।

कड़ी सुरक्षा के बीच यासीन को कोर्ट परिसर में लाया गया

इससे पहले यासीन ने 11 मई को हुई सुनवाई में अपने सारे गुनाह कोर्ट के सामने कबूल किए थे। आज भी कड़ी सुरक्षा के बीच यासीन को कोर्ट परिसर में लाया गया। स्पेशल ब्रांच के जवान पटियाला कोर्ट के बाहर तैनात हैं। कोर्ट ने आर्थिक वित्तीय जानकारी जुटाने के लिए कोर्ट ने एनआईए को कहा था। 

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मलिक ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिये थे

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके। मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख मलिक ने आतंकवाद के वित्त पोषण के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिये थे, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आरोप भी शामिल हैं।

हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया

अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिन्हें मामले में भगोड़ा अपराधी बताया गया है।

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