नई दिल्ली : किसान आंदोलन को समर्थन देकर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग सुर्खियों में हैं। किसान आंदोलन से जुड़े 'टूलकिट' मामले में उनकी खूब चर्चा हो रही है। पहले रिपोर्ट आई कि 'टूलकिट' मामले में दिल्ली पुलिस ने उनके किलाफ एफआईआर दर्ज की है लेकिन बाद में पुलिस ने इससे इंकार किया। ग्रेटा ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए पहला 'टूलकिट' बुधवार रात को शेयर किया था। इसके बाद उन्होंने गुरुवार को 'नया टूलकिट' पोस्ट किया। एक्टिविस्ट ने कहा कि पुराना 'टूलकिट' 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बारे में था जो कि अब पुराना बड़ गया है। इस 'अपडेटेड टूलकिट' में उन्होंने आगामी प्रदर्शनों का ब्योरा दिया। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल 'टूलकिट' मामले की जांच कर रही है। रिपोर्टों की मानें तो इस 'टूलकिट' को खालिस्तान समर्थक संगठन 'पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन' ने तैयार किया है।
कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के खतरे को बचपन में ही समझ जाने वाली ग्रेटा थनबर्ग का जन्म तीन जनवरी 2003 को स्पेन के स्टॉकहोम में हुआ। इस समय वह 18 साल की हैं। इनकी मां मलेना एर्नमैन ओपेरा सिंगर और पिता सवांते थनबर्ग अभिनेता हैं। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के बारे में अपने विचारों के लिए ग्रेटा की पहचान दुनिया में पर्यावरण एक्टिविस्ट के रूप में बन गई है। अगस्त 2018 में उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर स्वीडन की पार्लियामेंट के बाहर 'स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट' अभियान चलाया। इसके बाद पर्यावरण एक्टिविस्ट के रूप में उनकी पहचान वैश्विक बन गई। 16 साल की उम्र में ग्रेटा ने कई देशों के युवकों को जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति जागरूक किया। उनके 'स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट' अभियान से बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी जुड़ी।
जलवायु परिवर्तन पर सेमिनारों को किया है संबोधित
ग्रेटा कम उम्र में ही स्टॉकहोम, हेलसिंकी, ब्रसेल्स और लंदन में जलवायु परिवर्तन पर सेमिनारों को संबोधित कर चुकी हैं। जलवायु परिवर्तन पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया। ग्रेटा का यह वीडियो काफी पसंद किया गया और लाखों लाखों ने इस वीडियो को शेयर किया। जनवरी 2019 में दावोस में ग्रेटा ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित किया। उनके इस संबोधन का भी दुनिया भर में प्रभाव देखा गया। सितंबर 2019 में ग्रेटा ने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दुनिया के नेताओं पर अपनी भावी पीढ़ियो को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रीन हाउस गैसों में कटौती न कर दुनिया के नेता अपनी आगामी पीढ़ी को धोखा दे रहे हैं और उन्हें खतरे में डाल रहे हैं।
कई अवार्डों से हो चुकी हैं सम्मानित
पर्यावरण एक्टिविस्ट के रूप में दुनिया में अपनी पहचान बना चकीं ग्रेटा को अहम पुरस्कार एवं अवार्ड मिल चुके हैं। टाइम पत्रिका उन्हें 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल कर चुकी है। फोर्ब्स ने साल 2019 में उन्हें दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में जगह दी। साल 2019 और 2020 में लगातार ग्रेटा को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया। इसके अलावा ग्रेटा को फ्रिट ओर्ड अवार्ड, रचेल कार्सन प्राइज, टाइम पर्सन ऑफ द इयर (2019) अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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