क्या भारत में Twitter का विकल्प बनेगा 'Koo' एप , सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े कई मंत्री

Piyush Goyal joins Koo App : इस एप की शुरुआत साल 2020 की शुरुआत में हुई। सरकार की आत्मनिर्भर एप इनोवेशन चैलेंज जीतने के बाद यह प्लेटफॉर्म चर्चा में आया।

 Would Koo App become alternative to Twitter Piyush Goyal and others join indian plateform
क्या भारत में Twiteer का विकल्प बनेगा 'कू'। तस्वीर सौजन्य-'कू' एप 
मुख्य बातें
  • साल 2020 में भारतीय उद्यमियों ने 'कू' एप की शुरुआत की
  • ट्विटर के विकल्प के रूप में इसे भारतीयों के लिए पेश किया गया
  • पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में किया है इसका जिक्र

नई दिल्ली : रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित कई केंद्रीय मंत्रियों एवं सरकारी विभागों की ओर से 'कू' एप ज्वाइन करने के बाद यह सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ट्रेंड करने लगा। लोग 'कू' के बारे में जानने के लिए सवाल पूछने लगे। 'कू' एप की चर्चा ऐसे समय तेज हुई जब ट्विटर और भारत सरकार के बीच अकाउंट बंद करने को लेकर गतिरोध बना हुआ है। लोगों को ट्विटर का विकल्प देने के लिए भारतीय उद्यमी अप्रमेय राधाकृष्णा और मयंक बिदवक्ता ने स्वदेशी सोशल मीडिया मंच 'कू' एप तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में इस 'कू' एप की चर्चा कर चुके हैं। 

साल 2020 में हुई इस एप की शुरुआत
इस एप की शुरुआत साल 2020 की शुरुआत में हुई। सरकार की आत्मनिर्भर एप इनोवेशन चैलेंज जीतने के बाद यह प्लेटफॉर्म चर्चा में आया। ट्विटर से बढ़ती तकरार के बाच सरकार के मंत्री इस पर अपना अकाउंट बना चुके हैं और लोगों से इस एप से जुड़ने की अपील की है। 'कू' एप पर अकाउंट बनाने वालों में गोयल के अलावा कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद, सांसद तेजस्वी सूर्या, शोभा करंदलाजे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, ईशा फाउंडेशन की जग्गी वासुदेव, पूर्व क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ, अनिल कुंबले शामिल हैं। इनके अलावा आईटी मंत्रालय, इंडिया पोस्ट और नीति आयोग जैसे सरकारी विभाग इस एप पर आ गए हैं।  

क्या ट्विटर के मुकाबले 'कू' को बढ़ा रही सरकार
दरअसल, स्वदेशी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'कू' एप से जुड़ने के लिए सरकार के कई मंत्री और नेता ऐसे समय पर जोर दे रहे हैं जब ट्विटर के साथ सरकार का गतिरोध बना हुआ है। भारत सरकार ने  1178 अकाउंट्स बंद करने के लिए ट्विटर को एक सूची सौंपी है। सरकार का कहना है कि ये अकाउंट्स किसान आंदोलन के बारे में 'भ्रामक जानकारियां एवं भड़काऊ सामग्रियां' प्रसारित कर रहे हैं। यही नहीं ये अकाउंट खालिस्तान समर्थक हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के फरमान पर ट्विटर ने 500 से अधिक अकाउंट्स पर रोक लगाई है। ट्विटर की इस 'आधी अधूरी कार्रवाई' पर सरकार ने नाराजगी जाहिर की है। सूत्रों का कहना कि आदेशों का पालन नहीं करने पर सरकार भारत में ट्विटर के अधिकारियों को गिरफ्तार कर सकती है। केंद्रीय मंत्रियों एवं विभागों के 'कू' एप से जुड़ने से जाहिर है कि सरकार इस एप को बढ़ावा देना चाहती है। 

भारतीय हिंदी भाषी यूजर्स पर नजर 
'कू' एप के को-फाउंडर एवं सीईओ अप्रमेय राधाकृष्णा ने इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम से बातचीत में कहा, 'हमने इस एप पर नवंबर 2019 में काम करना शुरू किया। हम चाहते हैं कि इंटरनेट पर भारतीय भाषा में लोगों की आवाज पहुंचे। मौजूदा प्लेटफॉर्म अंग्रेजी बोलने वाली आबादी को तरजीह देते हैं और भारत में यह संख्या करीब एक प्रतिशत है। अंग्रेजी बोलने वालों की है। हमारे इस एप की शुरुआत मार्च 2020 में हुई और इसी समय कोरोना महामारी ने दस्तक दी।' केंद्रीय मंत्रियों के अलावा केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड, कस्टम विभाग और मॉय गवर्न्मेंट इंडिया भी इस एप पर आ गए हैं। 

'कू' एप पर 400 कैरेक्टर में लिख सकते हैं आप
'कू' एप माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर जैसा ही है। एक वेबसाइट के रूप में यह आईओएस एवं गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस प्लेटफॉर्म पर आप अपने विचार पोस्ट करने के साथ-साथ दूसरे यूजर को फॉलो भी कर सकते हैं। इस पर दूसरों की ओर से किए गए पोस्ट दिखते हैं। 'कू' एप पर कैरेक्टर लिमिट 400 है। आप अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर इस एप पर अपना अकाउंट खोल सकते हैं। यूजर अपने फेसबुक, लिंकडिन, यूट्यूब और ट्विवटर फीड को 'कू' प्रोफाइल से जोड़ भी सकते हैं।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर