कानपुर: मशहूर शायर फैज अहम फैज की एक नज्म को लेकर हो रहे विवाद पर आईआईटी कानपुर द्वारा सफाई दी गई है। संस्थान की तरफ से सफाई दी गई है कि इस बात की जांच नहीं की जा रही है कि नज्म हिंदू विरोधी है या नहीं बल्कि विरोध प्रदर्शनों की जांच की जा रही है। संस्थान के उप निदेशक मणींद्र अग्रवाल ने फ़ैज़ की कविता पढ़ने और इसके हिन्दू विरोधी होने की जांच की बात को तथ्यों से परे बताया है।
संस्थान के उप निदेशक मणींद्र अग्रवाल ने अपने बयान में कहा, 'कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई हैं कि संस्थान ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि कवि फैज़ की एक कविता हिंदू विरोधी है या नहीं। यह भ्रामक है। हकीकत यह है कि संस्थान को समुदाय के कुछ वर्गों से शिकायत मिली है कि छात्रों द्वारा विरोध मार्च के दौरान कुछ कविता पढ़ी गई थी, बाद में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट किए गए जो भड़काऊ थे। इसलिए, संस्थान ने इन सभी शिकायतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।'
प्रशासन ने इन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक कमेटी का गठन किया है। आपको बता दें कि कानपुर स्थिति भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए परिसर में 17 दिसंबर को प्रदर्शन किया था। इस दौरान कथित तौर पर भड़काऊ नारे भी लगाए गए थे। मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कविता 'हम देखेंगे' को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था।
Kanpur News in Hindi (कानपुर समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।