ट्रैवलिंग से माइंड रिफ्रेश होता है और इससे लाइफ में एक नई ऊर्जा व स्फूर्ति आ जाती है। यही कारण है कि हर कोई अपनी दिनचर्या से फुरसत पाकर एक लंबे ट्रैवल जर्नी पर जाना चाहता है ताकि वह हर प्रकार के टेंशन और काम के बोझ से ब्रेक ले और अपने आप को रिलैक्स कर सके। मेंटल हेल्थ के मामले में भी ट्रैवलिंग का एक बहुत बड़ा रोल है। अगर आप तनाव महसूस कर रहे हैं और अगर आप ऐसे में कहीं अपनी पसंदीदा जगह घूम आते हैं तो आपके मन मस्तिष्क को शांति मिलती है और वह फिर से तरोताजा हो जाता है। इसे कहते हैं अपने आप को रीचार्ज करना।
जो भी आपकी पसंदीदा जगह है उसके बारे में सोचें। कल्पना करें कि आप अपने ड्रीम डेस्टिनेशन पर पहुंच गए हैं। आप अपनी कल्पना में वो सारी चीजें लाएं जो आप वास्तव में वहां पर करना चाहते हैं। आप जो भी एक्टिविटी वहां कर करना चाहते हैं उसके बारे में प्लान करें। आप पाएंगे कि इससे आपको संतुष्टि मिलती है। 2010 में डच स्टडी में ये सामने आया था कि किसी ट्रिप के बारे में अगर आप सोचते हैं तो वह उस जगह पर वास्तव में जाने की तुलना में ज्यादा खुशी व संतुष्टि देता है।
अपने सोशल मीडिया पर जाकर अपनी पुरानी ट्रैवल डायरीज को खोलकर पुरानी यादों को ताजा करें। उन पुराने फोटोज को देखकर आपकी आंखों के सामने फिर से वहीं सारी चीजें घूम जाएंगी और आपको खुशी का एहसास होगा। इससे आपको खुशी भी होगी और थोड़े भावुक भी हो जाएंगे। आप उस पल को महसूस करने की कोशिश करें। अगर आपके साथ कोई है तो आप उस पल के बारे में उसे वर्णन करके बताएं और उस पल को फिर से जिएं।
माना कि अभी कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन है लेकिन कभी न कभी तो दुनिया इस हालात से उबरेगी। उम्मीद करें कि अगले साल 2021 में सब कुछ सामान्य हो जाएगा और आप अपने ड्रीम डेस्टिनेशन पर जा पाएंगे। उदाहरण के लिए अगर आप अगले साल इटली जाना चाह रहे हैं तो उस पल को पूरी तरह से एंजॉय करने के लिए उसकी तैयारी करें। जैसे कि आप इटैलियन भाषा सीखने की कोशिश करें। वहां के कल्चर वहां की खानपान लाइफस्टाइल पहनावा सभी चीजों को सीखने की कोशिश करें।