Mandna Design On Ganesh Chaturthi 2022: हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य माना गया है। कोई भी पूजा-पाठ व मांगलिक कार्य में सबसे पहले भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को हर साल गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग बप्पा की मूर्ति घर में स्थापित करके विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं। घर में गणपति बप्पा का स्वागत करने के लिए विशेष प्रकार की तैयारियां करते हैं। कई लोग अपने घरों में गणेश चतुर्थी पर खूबसूरत रंगोली व मांडणा बनाते हैं। हिंदू धर्म में मांडणा का विशेष महत्व है। यह हर शुभ अवसर पर बनाया जाता है। मांडणा से घर सजाना काफी पुरानी परंपरा रही है। रंगोली के पहले मांडणा ही प्रचलित था और आज भी है। मांडणा का गणेश चतुर्थी में अपना विशेष महत्व है। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी के दिन मांडणा का महत्व व कैसे बनाया जाता है मांडणा।
जानिए मांडणा का महत्व
मांडणा होली, दिवाली, महाशिवरात्रि व गणेश चतुर्थी पर्व पर बनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार मांडणा सुख समृद्धि का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर के आंगन में मांडणा बना हो वहां धन की देवी माता लक्ष्मी निवास करती हैं। इसके साथ ही उस घर से आर्थिक संकट दूर होता है।
ऐसे बनाया जाता है मांडणा
पारंपरिक तौर पर राजस्थानी मांडणा चूना या खड़िया और लाल मिट्टी से बनाया जाता है। चूना गिला होने पर हल्का दिखाई देता है पर सूखने के बाद सफेद और साफ दिखाई देता है। इससे कई तरह की लेटेस्ट डिजाइन बना सकते हैं। इसे दीवार व चबूतरा कहीं भी बनाया जा सकता है। ऐसे बनाने के बाद जब यह सूखता है तो पूरे घर की शोभा बढ़ जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन इसमें गणेश की आकृति बनाना बेहद शुभ माना जाता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)