नीम एक ऐसा पेड़ है जिसके सभी हिस्से गुणकारी होते हैं। चाहे इसकी पत्तियां हों या इसकी छाल या फिर इसके दाने ही क्यों ना हों ये सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसका इस्तेमाल कई प्रकार की दवाईयां बनाने में किया जाता है। ये खास तौर पर स्किन के लिए और दांतों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। त्वचा संबंधी रोगों के उपचार के लिए नीम का तेल रामबाण की तरह माना जाता है। आज हम आपको नीम के तेल के उपयोग और इसके फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे-
अगर आपकी त्वचा रुखी है तो आपको अपनी त्वचा पर नीम के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आपकी त्वचा से रुखापन गायब हो जाता है और त्वचा स्वस्थ चमकदार बन जाती है। इसमें विटामिन ई, अमीनो एसिड और फैटी एसिड पाए जाते हैं जो त्वचा को पोषण देने का काम करते हैं। आप इसे इस तरह इस्तेमाल कर सकती हैं- आधे चम्मच नारियल या बादाम के तेल में नीम तेल की कुछ बूंद मिलाएं। अब इसे त्वचा पर सामान्य तेल की तरह अप्लाई करें इससे आफको जल्द फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। सप्ताह में कम से कम दो से तीन बार ऐसा करें।
अगर आफकी त्वचा पर फंगल संक्रमण या फिर खुजली हो रहा है तो आप नीम के तेल को लेकर प्रभावित त्वाच के हिस्से पर लगाएं। आप दिन में दो से तीन बार ये उपचार करें। आपको जल्द ही समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
अगर आपके भी चेहरे पर मुंहासे की समस्या है तो आप नीम के तेल से इसका इलाज कर सकती हैं। नीम के तेल में एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाया जाता है जो चेहरे पर से मुंहासे और फुंसियों को खत्म करने में मदद करता है। इसके लिए आप एक चम्मच जैतून के तेल में थोड़ा सा नीम का तेल मिलाएं। अब इस मिश्रण को मुंहासे वाले हिस्से पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें फिर साफ गुनगुने पानी से धो लें।
नीम का तेल स्किन टोनर की तरह भी काम करता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। इसके इस्तेमाल के लिए आप रुई के फाहे में नीम के तेल को लें और फिर इसे त्वचा पर लगाएं। थोड़ी देर के बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें।
फायदों के साथ-साथ नीम तेल के कुछ नुकसान भी हैं जिस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो आपको नीम तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कुछ लोगों की त्वचा संवेदनशील होती है और ऐसी त्वचा पर नीम तेल के इस्तेमाल से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कभी-कभी किसी को नीम तेल के इस्तेमाल से उल्टी व मितली जैसी समस्या शुरू हो जाती है।