UP: केले और सब्जी की खेती से बदली महिलाओं की जिंदगी, 8500 महिलाओं को मिला रोजगार

उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ग्रामी महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के जरिए अपनी किस्मत बदलनी शुरू कर दी है। महिलाओं ने आजीविका मिशन के तहत सब्जियों और फलों की खेती की जिससे रोजगार पैदा हो रहे हैं।

UP: Banana and vegetable cultivation changed the lives of women, 8500 women got employment
जानिए कैसे केले और सब्जी की खेती से बदली महिलाओं की जिंदगी 
मुख्य बातें
  • राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को सशक्त बनाने की बड़ी पहल
  • लखनऊ के समस्त 8 विकास खंडों में 7479 समूहों का गठन, 8500 महिलाओं को मिला रोजगार
  • बीकेटी तहसील में महिलाओं का लाभ देने के बाद अन्य जिलों में भी की जाएगी शुरुआत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से केले और सब्जी की खेती करके महिलाओं अपनी जिंदगी को बदलने में लगी है। इस पहल की शुरुआत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने शुरू की है। लखनऊ के बीकेटी तहसील में सुनीता देवी, प्रीति, सावित्री जैसी 15 महिलाएं केले और सब्जी की खेती करके अपने लिए रोजगार पैदा कर रही हैं। सफल परिणाम मिलने के बाद लखनऊ के अन्य 08 विकासखंडों में भी इस खेती का बढ़ावा देकर महिलाओं की आय में बढोत्तरी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

महिलाओं को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

यूपीएसआरएलएम के माध्यम से महिलाओं को केले और सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उनको प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तीन दिवसीय प्रशिक्षण में महिलाओं को हाईटेक हार्टिकल्चर द्वारा आधुनिक विधि से औद्योगिक खेती, आजीविका संवर्धन, कृषि आधारित क्षमता विकास, खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और पशुपालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं समूहों की किसान महिलाओं को टिकाऊ खेती करने के लिए जागरूक और प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

इस तरह कर रही हैं महिलाएं खेती

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) की पहल से महिलाएं 15 हजार रुपये समूह से लेकर केले और सब्जी की खेती कर रही है। इसके साथ ही महिलाओं ने यहां पशुपालन भी करना शुरू कर दिया है। अकेले बीकेटी में 12 समूहों में 131 महिला सदस्य जुडी हैं। इनकी ओर से 10 हजार रुपये समूहों से लेकर परचून व किराना की छोटी दुकानें भी शुरू की गई हैं।

मिशन की ओर से किए जा रहे इन प्रयासों से आर्थिक स्तर में काफी सुधार आया है। बीकेटी के बाहरगांव की सुनीता देवी ने बताया कि समूह की सदस्य बिजली बिल कलेक्शन का भी काम रही हैं। अकेले सुनीता ने कुल 1600 बिजली बिलों को अपडेट कराने का काम किया है।

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