अब जमीनी हुनर को मिलेगा सरकार का साथ,ऑनलाइन बिकेंगे उत्पाद

जमीनी स्तर पर मौजूद हुनर को बड़ा प्लेटफॉर्म देने की सरकार ने पहल की है। इसके जरिए इन्नोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादों को ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

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देश में तेजी से स्टार्टअप इकोसिस्टम खड़ा हो रहा है।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • देश में डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त 62 हजार से ज्यादा स्टार्टअप हैं।
  • बंगलुरू, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद प्रमुख स्टार्टअप केंद्र बनकर उभरे हैं।
  • भारत दुनिया में तेजी से बढ़ता हुआ स्टार्टअप केंद्र हैं।

नई दिल्ली:  अक्सर हम देखते हैं कि बेहतर प्लेटफॉर्म नहीं होने की वजह से कई हुनर बेकार हो जाते हैं। ऐसे हुनर ग्रामीण स्तर से लेकर स्कूली स्तर तक मौजूद हैं। जो अपने स्तर पर कई इन्नोवेटिव उत्पादन बना रहे हैं। अब ऐसे हुनर को मौका मिलने की उम्मीद है। इसके लिए मोदी सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उत्पादों की बिक्री करने की पहल की है।

क्या है तैयारी

इसके लिए जमीनी स्तर पर पारंपरिक उत्पादों बनाने वाले लोगों को मौका देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़े एनआईएफ इंक्यूबेशन एंड आंत्रेप्रेन्योरशिप काउंसिल ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के साथ समझौता किया है। जहां पर ऐसे हुनरमंदों के उत्पाद बिक सकेंगे। एनआईएफआईईएनटीआरईसी के अध्यक्ष, डॉ गुलशन राय ने कहा  कि अभी देश में जो तीव्र गति से डिजिटल परिवर्तन हो रहा है उसे देखते हुए जमीनी स्तर के उद्यमियों के लिए अपने इन्नोवेशन  को पूरे भारत में सीधे उपभोक्ताओं तक ले जाने पर विचार करने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है।

स्टार्टअप हब बन रहा है भारत

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार देश में अब डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त 62 हजार से ज्यादा स्टार्टअप हैं। और सरकार ऐसे स्टार्टअप को कई टैक्स से लेकर कंप्लायांस में भी एक निश्चित अवधि के लिए छूट देती है। ग्लोबल स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट-2021 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बंगलुरू, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद प्रमुख केंद्र हैं।

घट सकती है बेरोजगारी

सरकार की सोच है कि देश में  स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि  इन्नोवेशन में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा बड़े पैमाने पर रोजगार भी विकसित होंगे। जिससे बेरोजगारी की समस्या पर भी लगाम लगाया जा सकेगा। और अर्थव्यवस्था की रफ्तार में भी तेजी आएगी।

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