Marine Engineering Jobs: मरीन इंजीनियरिंग में बेस्‍ट ऑप्‍शन, युवा ऐसे बना सकते हैं करियर

Marine Engineering Jobs: आज भी दुनिया की करीब 80 फीसदी व्‍यवसाय समुद्र के रास्‍ते होता है। आज इस क्षेत्र में कई कंपनियां काम कर रही हैं, जहां युवाओं की भारी डिमांड है। मरीन इंजीनियरिंग करने के बाद यहां पर युवा अपना शानदार करियर बनाने के साथ अच्‍छी सैलरी हासिल कर सकते हैं।

Marine Engineering carrier
मरीन इंजीनियरिंग में जरूरी कोर्स व करियर ऑप्‍शन  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • जहाजों के टेक्निकल मैनेजमेंट की देखरेख करते हैं मरीन इंजीनियर
  • मरीन इंजीनियर के तौर पर मिलता है शानदार करियर ऑप्शन
  • मरीन इंजीनियरिंग के बाद नहीं होती युवाओं के पास जॉब की कमी

Marine Engineering Jobs Carrier Tips: अगर आपको समुद्र व उसकी लहरों से लगाव है और आप पानी के बीच रहना पसंद करते हैं तो आपके लिए मरीन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना सपना साकार करने जैसा हो सकता है। मरीन इंजीनियरिंग आज के समय में एक शानदार करियर ऑप्‍शन है। इसमें आपको देश-विदेश में घूमने की सहूलियत मिलने के साथ इंजीनियरिंग की दूसरी ब्रांचेस के मुकाबले अच्छी सैलरी भी मिल सकती है।

यही वजह है कि अब बड़ी संख्या में युवा इस क्षेत्र में करियर बना रहे हैं। अगर आप भी इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

क्‍या है मरीन इंजीनियरिंग

मरीन इंजीनियर में करियर बनाने से पहले उसके बारे में जानना भी जरूरी है। इसमें जलपोतों निर्माण, रख-रखाव और इंस्टॉलेशन से जुड़ा कार्य करना होता है। आज के समय में जहाज भी मॉडर्न टेक्नोलॉजी और इक्विपमेंट से लैस रहने लगे हैं, जिन्हें हैंडल करने के लिए मरीन इंजीनियर्स की जरूरत पड़ती है।

किसी जहाज का चीफ मरीन इंजीनियर ही उसका कार्गो इंचार्ज होता है। मरीन इंजीनियरिंग के तहत समुद्रों और तटीय इलाकों मे शोध भी किया जाता है। जहाजों के टेक्निकल मैनेजमेंट की सारी जिम्मेदारी मरीन इंजीनियर पर होती है।

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दुनियाभर का लगभग 80 प्रतिशत व्‍यापार आज भी समुद्र से ही किया जाता है। इस समुद्री व्यापार को सफल बनाने के लिए मरीन इंजीनियरस की अहम भूमिका होती है।

कोर्स एवं योग्यता

मरीन इंजीनियरिंग के ग्रेजुएशेन कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं के छात्रों के पास फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथेमेटिक्स में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने जरूरी हैं। इस कोर्स में दाखिले के लिए उम्र 17 से 25 साल के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा जिन्होंने आई.एम.यू द्वारा आयोजित कॉमन एंट्रेंस टैस्ट की परीक्षा उत्तीर्ण की हो उसके लिए सहुलियत होती है।

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मरीन इंजीनियरिंग का वर्क फील्‍ड

मरीन इंजीनियर बनने के लिए सामुद्रिक संरचना की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की अच्‍छी समझ होना भी बहुत जरूरी है। वैसे तो मरीन इंजीनियर का मुख्य काम जहाज का निर्माण व मशीनरी की मरम्मत करना होता है, लेकिन ये जहाजों और नौकाओं के डिजाइन की रूपरेखा तैयार करने समेत कई अन्य जिम्मेदारियां भी निभाते हैं।

इसके साथ ही ऑफशोर ऑइल व गैस के लिए ऑपरेटिंग प्लेटफॉर्म, पाइपलाइन आदि का निर्माण व डिजाइनिंग का काम भी ये ही संभालते हैं। एक मरीन इंजीनियर में लीडरशिप क्वॉलिटी का होना बहुत जरूरी है क्योंकि इन्‍हें मरीन टेक्नीशियंस की टीम को मैनेज करना होता है।

करियर की संभावना

मरीन इंजीनियरिंग में युवाओं के लिए करियर के बहुत से विकल्प मौजूद हैं। कोर्स करने के बाद युवा मरीन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्ट के साथ डिजाइनिंग रिसर्च और कंसल्टेंसी से जुड़े क्षेत्रों में भी कार्य कर सकते हैं। युवा इंडियन नेवी, मर्चेंट नेवी, जहाज निर्माण कंपनी, जहाजों का निरीक्षण करने वाली कंपनियों के साथ जुड़कर अच्‍छी सैलरी हासिल कर सकते हैं।

इसके अलावा युवाओं के पास शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में भी काम करने का मौका मिलता है। वहीं इस कोर्स के बाद विदेश में नौकरी करना का भी मौका मिलता है।

सैलरी

आज के समय में जिस तरह मरीन इंजीनियरिंग में जॉब्‍स की भरपूर संभावनाएं है, उसी तरह इस फील्‍ड में इंजीनियरों को अच्‍छी सैलरी भी मिलती है। एक मरीन इंजीनियरस को शुरुआत तौर पर 50 से 70 हजार रूपये प्रतिमाह तक हासिल कर सकता है। इसके बाद अनुभव के साथ इंजीनियरस की सैलरी कुछ वर्षों के अंदर ही लाखों में पहुंच जाती है।

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