Solar Eclipse 2020 in India: भारत में आज सूर्य ग्रहण, जानें टाइमिंग, इन बातों को रखें ध्यान

साइंस
लव रघुवंशी
Updated Jun 21, 2020 | 05:30 IST

Solar Eclipse 2020 today: आज भारत के कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाला है। यहां जानें भारत में ये सूर्य ग्रहण कब दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।

solar eclipse 2020
सूर्य ग्रहण 2020 
मुख्य बातें
  • देश के कुछ हिस्सों में आज वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा
  • देश के बाकी हिस्सों से यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा
  • सूर्य ग्रहण को सुरक्षात्मक उपकरण के माध्यम से देखना सुरक्षित रहता है

नई दिल्ली: आज 21 जून यानी साल का सबसे बड़ा दिन है। आज ही सूर्य ग्रहण भी लगेगा। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय की निदेशक ने कहा, 'दिल्ली में आज सूर्य ग्रहण सुबह 10:20 बजे से दोपहर 1:48 बजे तक दिखाई देगा। दोपहर 12:01 बजे इसकी दृश्यता अधिकतम होगी। ग्रहण के दौरान सूर्य एक नेकलेस (हार) की तरह दिखाई देगा। यह पश्चिम से पूर्व की ओर यात्रा करेगा।' उन्होंने बताया कि कोविड 19 लॉकडाउन के बीच लोग इसे वेबकास्ट के माध्यम से देख सकते हैं। ये सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण है। भारत के कई हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा।

सूर्य ग्रहण अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों से देखा जा सकेगा। दिलचस्प बात यह है कि ग्रहण का पीक भारत के उत्तरी हिस्से में दिखाई देगा, जो सुबह 10:25 बजे से शुरू होकर 12:08 बजे अधिकतम ग्रहण और 01:54 बजे समाप्त हो जाएगा। इससे पहले वलयाकार (अंगूठी के आकार का) ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को दक्षिण भारत से और आंशिक ग्रहण के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों से देखा गया था। अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में अगले दशक में दिखाई देगा, जो 21 मई 2031 को होगा, जबकि 20 मार्च 2034 को पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जाएगा।

कब होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा (अमावस्या के चरण में) सूरज की आंशिक या पूरी रोशनी को रोक लेता है और उसी हिसाब से आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्यग्रहण होता है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और घना अंधेरा छा जाता है जिसे उम्ब्रा और कम अंधेरे वाले क्षेत्र को पेनम्ब्रा के रूप में जाना जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहणों में सबसे दुर्लभ है। भले ही हर महीने अमावस्या आती हो, लेकिन हम ग्रहण को इतनी बार नहीं देख पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी-सूर्य प्लेन के लिहाज से चंद्रमा की कक्षा लगभग 5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। इस कारण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का संयोग (एक ही सीध में) एक दुर्लभ खगोलीय घटना के तौर पर दिखाई देता है।

साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण दिसंबर में होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। नेहरू तारामंडल के अनुसार, भुज भारत का पहला शहर होगा जहां से ग्रहण की शुरुआत होगी, यहां ये सुबह 9.58 बजे दिखाई देगा। ग्रहण चार घंटे बाद दोपहर 2.29 बजे समाप्त होगा। ग्रहण के दौरान सूर्य का नजारा रिंग ऑफ फायर के रूप में देखने को मिलेगा। 

क्या करें:

  • ग्रहण देखने के लिए और आंखों को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए ग्रहण देखने वाले चश्मों (आईएसओ प्रमाणित) या उचित फिल्टर्स के साथ कैमरे का इस्तेमाल करें।
  • वलयाकार सूर्य ग्रहण देखने का सबसे सुरक्षित तरीका पिनहोल कैमरे से स्क्रीन पर प्रोजेक्शन या टेलिस्कोप है।
  • दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है।

क्या न करें:

  • नंगी आंखों से सूरज को न देखें।
  • ग्रहण देखन के लिए एक्स-रे फिल्म्स या सामान्य चश्मों (यूवी सुरक्षा वाले भी नहीं) का इस्तेमाल न करें।
  • ग्रहण देखने के लिए पेंट किए ग्लास का भी इस्तेमाल न करें।

सूर्य ग्रहण को आप ऑनलाइन लाइव भी देख सकेंगे। इसके लिए आपको TimeandDate और Slooh चैनल्स के YouTube पर जाना पड़ेगा। यहां पर आप इस ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।

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