16 April 2022 Ka Panchang: आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है। हस्त नक्षत्र है। आज पूर्णिमा का पावन व्रत है। भगवान विष्णु जी की उपासना के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा भी करें। आज श्री सूक्त के पाठ करने का बहुत सुंदर अवसर है। मंदिर में विष्णु जी का दर्शन करें। श्री रामचरितमानस का पाठ करें। गीता के पाठ का आज बहुत महत्व है। रात्रि में चन्द्रमा को दुग्ध से अर्ध्य दें व शिवपूजा के लिए मंदिर में भगवान शिव को दुग्ध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करें व उनको बेल पत्र अर्पित करें। दुर्गा जी की स्तुति करें। आज दान का बहुत महत्व व पुण्य है। आज पुण्य संचय करने का महान दिवस है। पूर्णिमा को विष्णु व लक्ष्मी उपासना व व्रत का अनन्त पुण्य है।
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प्रातःकाल पंचांग का दर्शन, अध्ययन व मनन आवश्यक है। शुभ व अशुभ समय का ज्ञान भी इसी से होता है। अभिजीत मुहूर्त का समय सबसे बेहतर होता है। इस शुभ समय में कोई भी कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। विजय व गोधुली मुहूर्त भी बहुत ही सुंदर होता है। राहुकाल में कोई भी कार्य या यात्रा आरम्भ नहीं करना चाहिए।
दिनांक | 16 अप्रैल 2022 |
दिवस | शनिवार |
माह | चैत्र, शुक्ल पक्ष |
तिथि | पूर्णिमा |
सूर्योदय | 06:04 am |
सूर्यास्त | 06:42 pm |
नक्षत्र | हस्त |
सूर्य राशि | मेष |
चन्द्र राशि | कन्या 08:21 pm तक फिर तुला |
करण | विष्टि |
योग | हर्षण |
अभिजीत मुहूर्त | 11:58 am से 12:45 pm तक |
विजय मुहूर्त | 02:27 pm से 03:19 pm तक |
गोधुली मुहूर्त | 06:07 pm से 06:16 pm तक |
राहुकाल का समय प्रातःकाल 09 बजे से 10:30 बजे तक है। इस दौरान शुभ काम को करने से परहेज करें।
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