Aate ka Deepak for Worship: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के कई नियम होते हैं। पूजा में कई विधियां होती है, जिसका पालन करके सभी देवी-देवताओं की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। दीप प्रजवल्लित करना पूजा का अहम हिस्सा माना जाता है। मंदिर से लेकर घर के पूजा पाठ में भगवान के समक्ष दीपक जरूर जलाया जाता है। अगर दीपक की बात करें तो आजकल मार्केट में पीतल, कांसा, तांबा से लेकर मिट्टी के दीये मिलते हैं। मिट्टी और पीतल के दीये ज्यादा प्रलचन में हैं। लेकिन अक्सर हम मंदिरों में आटे का दीया जलते हुए भी देखते हैं। आटे का दीया क्यों जलाया जाता है इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। चलिए जानते हैं क्या है मंदिर में आटे का दीया जलाने के पीछे की परंपरा और इसके क्या लाभ हैं।
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मां अन्नापूर्णा का आशीर्वाद होने के कारण आटे का दीपक पवित्र माना जाता है। इससे कर्ज मुक्ति, विवाह में आ रही बाधाएं, बीमारी, संतान प्राप्ति, गृह कलेश जैसी कई समस्याओं में आटे का दीपक संकल्प या मनोकामना के अनुसार जलाया जाता है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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