आमतौर पर हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य का आरंभ भगवान गणेश की पूजा के साथ किया जाता है। लेकिन संकष्टी चतुर्थी को खासतौर पर गणेश पूजा होती है। पूर्णिमा के बाद जो चतुर्थी पड़ती है, उसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। फाल्गुन मास संकष्टी चतुर्थी को ही द्विजप्रिय चतुर्थी भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस खास दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति को पूरे विधि विधान से इनकी पूजा करनी चाहिए।
साल 2020 में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 12 फरवरी बुधवार यानि आज के दिन रखा जाएगा।
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय का समय होगा – 12 फरवरी रात्रि 09:43 पर।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 12 फरवरी तड़के 2:52 पर।
चतुर्थी तिथि समाप्त – 12 फरवरी रात्रि 11:39 पर।
इस विधि से करें श्री गणेश की पूजा / Ganesh Puja Vidhi
पूजा संपन्न होने के बाद शाम के समय ब्राह्मणों को भोजन कराकर अपना उपवास खोलें और खुद भी फलाहार या भोजन करें।
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