How To Chant Mantras: हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है। हर मंत्र देवी देवताओं को समर्पित होते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि मंत्रों से देवी देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। मंत्रों से ईश्वर प्रसन्न होकर हर मनोकामना की पूर्ति करते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ के दौरान मंत्रों का उच्चारण अनिवार्य होता है। मंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है मन और तंत्र, मंत्र का सीधा संबंध मन से है। मंत्र का जाप करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि मंत्र में बड़ी ताकत होती है और मन से मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की सोच सकारात्मक और मजबूत होती है। हिंदू मान्यता के अनुसार मंत्र का जाप करने के कई नियम होते हैं। इन नियमों का सही से पालन करने पर ही मंत्र संपन्न होता है। मंत्र घर या मंदिर कहीं भी किया जा सकता है, लेकिन मंत्र का जाप करते समय कुछ बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं मंत्र के नियमों के बारे में...
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मंत्र का जाप करते समय स्थान का रखें विशेष ध्यान
मंत्र का जाप करते समय स्थान का विशेष महत्व होता है। मंत्र का जाप करने के लिए ऐसे स्थान को चुने जो साफ और शुद्ध हो।मंत्र का जप हमेशा नीचे बैठकर आसन पिछाकर करना चाहिए। आसन हमेशा साफ होना चाहिए। जप करते समय इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि जिस स्थान पर आप बैठे हैं जप करने के बाद ही उस स्थान से उठे। जप करते वक्त बार-बार स्थान नहीं बदलना चाहिए।
स्नान करके ही करें जाप
मंत्र का जाप करने के लिए सबसे पहले स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहन कर ही मंत्र का जप करना फलदायी होता है। स्नान करके मंत्र करने से मन और तन शुद्ध होता है। इससे आपकी इच्छा के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है।
दिशा का रखें ध्यान
इसके अलावा मंत्र करते समय दिशा का विशेष ध्यान देना चाहिए। पूर्व दिशा की ओर मुख कर मंत्र का जप करने से वशीकरण सिद्ध होता है। पश्चिम दिशा की ओर मुख कर मंत्र का जप करने से धन वैभव ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। उत्तर दिशा की ओर मुख कर मंत्र जप करने से सुख शांति मिलती है। उत्तर-पश्चिम यानी वायव्य दिशा की ओर मुख कर जप शत्रु व विरोधियों का नाश करता है। उत्तर-पूर्व यानी ईशान दिशा में मुख कर मंत्र जप से ज्ञान मिलता है। दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय दिशा में मुख कर मंत्र जप आकर्षण व सौंदर्य कामना व दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य दिशा में मुख कर मंत्र जप पवित्र विचार व दर्शन की कामना पूरी करता है।
इस माला से करें मंत्र का जाप
मंत्र का जप करने के लिए कभी भी प्लास्टिक की माला का इस्तेमाल न करें। इसके लिए आप रुद्राक्ष, स्फटिक, हल्दी चंदन या तुलसी की भी माला लेकर ही जप कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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