Importance Of Deepak: मिट्टी से लेकर चांदी तक, जानिए किस दीपक को जलाने से होगी मनोकामना पूरी

Types Of Deepak: पूजा पाठ में हम दीपक जरूर जलाते हैं। क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। पूजा में आटे, मिट्टी, पीतल या तांबा जैसे कई तरह के दीपक जलाएं जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन सा दीप कब जलाया जाता है और इससे किस मनोकामना की पूर्ति होती है।

Importance of Deepak
दीपक के प्रकार और महत्व 
मुख्य बातें
  • पूजा पाठ में दीपक का होता है खास महत्व
  • अलग-अलग धातु के दीपक से होती है मनोकामना की पूर्ति
  • जानें किस मनोकामना के लिए जलाएं कौन सा दीपक

Light Of Lamp Importance: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का काफी महत्व होता है। प्रतिदिन हर घर पर पूजा की जाती है और धूप दीप जलाए जाते हैं। पूजा में दीप जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। दीप जलाना किसी भी पूजा-पाठ का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। पूजा में देवी-देवताओं के समक्ष दीप जलाने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामना की पूर्ति होती है। लेकिन हर घर पर या हर पूजा पाठ में अलग-अलग तरह के दीप जलाने के नियम होते हैं। आटे का दीपक, मिट्टी के दीये, पीतल के दीये, चांदी के दीये जैसे कई तरह के धातुओं से बने दीपक का प्रयोग पूजा में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस मनोकामना पूर्ति और किस देवी-देवता की पूजा में कौन से दीपक का प्रयोग करना चाहिए।

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वैसे तो हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ के लिए मिट्टी का दीपक सबसे पवित्र माना जाता है। लेकिन कई अनुष्ठानों और इच्छा पूर्ति के लिए सोना, चांदी, कांसा, तांबा जैसे धातुओं के भी दीप जलाए जाते हैं। अगर आप पूजा में भगवान का आशीर्वाद चाहते हैं तो यह जान लें कि कौन से दीपक का प्रयोग किस पूजा में करें।

आटे का दीपक

किसी भी तरह की साधना या सिद्धि के लिए आटे का दीपक जलाया जाता है। जैसे कर्ज मुक्ति, विवाह में हो रही देरी, नौकरी व्यापार के लिए, संतान प्राप्ति, गृह कलह, पति-पत्नी के रिश्ते में सुधार लाने और आर्थिक संकट से मुक्ति के निवारण के लिए आटे का दीपक जलाया जात है। आटे का दीपक लोग संकल्प के अनुसार भी जलाते हैं। यह दीप पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।

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मिट्टी का दीपक

मिट्टी का दीपक किसी भी पूजा पाठ के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। मिट्टी का दीपक जलाने से शनि और मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि एक बार जलाने के बाद इस दीपक का फिर से प्रयोग ना करें। मिट्टी के दीप को जलाने के बाद किसी बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।

सोने का दीपक

सोना का संबंध सूर्य से होता है। वहीं सोने के दीपक में सूर्य और गुरु का वास होता है। सोने का दीप जलाने से जीवन में उन्नति की प्राप्ति होती है।

चांदी का दीपक

चांदी के दीपक में चंद्रमा और शुक्र का वास होता है। इस धातु के दीपक को जलाने से घर में धन-संपदा की कभी कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

तांबा का दीपक

तांबे के धातु में मंगल का वास होता है। इसे जलाने से मनोबल में वृद्धि होती है। तांबे के दीपक में तिल का तेल डालकर जलाना चाहिए।

कांसा का दीपक

कांसे के धातु से दीपक में बुध ग्रह का वास होता है। धन की स्थिरता और पर्याप्त धन के लिए कांसे के दीपक में तिल का तेल डालकर जलाएं।

लोहा का दीपक

लोहा धातु में शनि देव का वास होता है। शनिवार और मंगलवार के दिन लोहे के दीपक में सरसों का तेल डालकर उड़द की दाल का आसन चारों तरफ देकर जलाएं। ऐसा करने से व्यक्ति का दुर्घटना से बचाव होता है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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