Puja colors significance: पूजा पाठ में रंग का महत्व, इन रंगो का क्यों होता है सबसे अधिक इस्तेमाल?

Puja colors significance in Hindi: दुनिया में मुख्य रूप से दो ही शक्तियां काम करती हैं रंग और तरंग, इन्हीं शक्तियों से सारी सृष्टि का संचालन होता है। पूजा पाठ के दौरान भी रंगो का विशेष महत्व होता है।

Significance of colors in Puja
पूजा में रंगों का महत्व 
मुख्य बातें
  • पूजा पाठ या किसी मांगलिक कार्य में इन 5 रंगो का है विशेष महत्व।
  • सनातन हिंदु धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व है, यह रंग भगवान विष्णु का होता है प्रतीक।
  • हरा रंग भगवान शिव और माता पार्वती को है अत्यंत प्रिय।

Significance of colors in worship Hindi: सनातन हिंदु धर्म में रंगो का विशेष महत्व है। दुनिया में मुख्य रूप से दो ही शक्तियां काम करती हैं रंग और तरंग, इन्हीं शक्तियों से सारी सृष्टि का संचालन होता है। तथा ईश्वर भी इन्हीं शक्तियों के माध्यम से आपको आकर्षित करते हैं। हर व्यक्ति हर वस्तु यहां तक की हर शब्द और भावनाओं का भी रंग होता है, रंगो से ही हमारा मिलन होता है। रंग के आधार पर ही सारे गृह नक्षत्र और ज्योतिष काम करते हैं।

सही और सटीक रंग हमारी किस्मत को मजबूत बनाते हैं। वहीं आपको बता दें पूजा पाठ के दौरान भी रंगो का विशेष महत्व होता है। हिंदु धर्म में तो वैसे तीन रंगो का खास महत्व है, लेकिन दो रंगो का भी इस्तेमाल पूजा पाठ के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं।

सफेद रंग: प्राचीनकाल में यज्ञ या पूजा पाठ के दौरान सफेद रंग का बहुत अधिक महत्व था। पूजा पाठ के समय पुरुष अक्सर सफेद धोती या कुर्ता पजामा पहनकर बैठते थे। तथा पूजापाठ के दौरान सफेद कपड़े का उपयोग पाट पर बिछाने के लिए भी किया जाता है। पुराने समय में दुल्हन सफेद रंग का उपयोग करती थी, जिसमें पीतांबरी पट्टा होता था।

पीला रंग: सनातन हिंदु धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व है। यह रंग भगवान विष्णु का प्रतीक है और बृहस्पति देव का प्रिय भी है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस रंग का कपड़ा पहनने से गुरु ग्रह का भाव बढ़ जाता है, इसी कारण पूजा पाठ के साथ किसी भी मांगलिक कार्य के लिए भी पीले रंग का अधिक प्रयोग किया जाता है।

पूजा पाठ के दौरान यदि पीले रंग का प्रयोग किया जाए तो बृहस्पति की कृपा होती है। ऐसे में घर या मंदिर में पूजा पाठ के दौरान अक्सर पीले चंदन और हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है।

हरा रंग: हरा रंग भगवान शिव और माता पार्वती को अत्यंत प्रिय है। इसके साथ ही यह रंग मां दुर्गा, माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश को भी बहुत प्रिय है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भी यह रंग शुभ माना जाता है। तथा मां दुर्गा को भी हरे रंग की चूड़ियां व मेहंदी अर्पित की जाती है।

पूजा पाठ या कथा के दौरान इस रंग का काफी प्रयोग किया जाता है। जिसमें हरे रंग का कपड़ा, हरे केले के पत्ते, पान का पत्ता शामिल है।

लाल रंग: लाल रंग का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। मां दुर्गा के मंदिर में आपको लाल रंग अधिक दिखाई देगा। तथा लाल रंग को आमतौर पर विवाहित और सुहागिन स्त्रियों का रंग माना जाता है। वहीं आपको बता दें ज्योतिषशास्त्र के अनुसार लाल रंग सौभाग्य, साहस और उमंग का प्रतीक होता है।

मां लक्ष्मी को लाल रंग अत्यंत प्रिय हैं, मां लक्ष्मी लाल रंग के कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं। इसी प्रकार हनुमान जी को भी लाल और सिंदूरी रंग अत्यंत प्रिय है।

भगवा या केसरिया रंग: सनातन धर्म में भगवा रंग सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रचार प्रसार करता है। सिंदूरी या भगवा रंग हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है। इसलिए भक्तगण हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करते हैं, वहीं बाला जी को सिंदूर का लेप लगाया जाता है। इसलिए इस रंग का पूजा पाठ के दौरान विशेष महत्व है।

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