Magh Purnima 2022 Moonrise Time Today: आपके शहर में कब द‍िखेगा माघ पूर्णिमा का चांद, क‍िस समय करें पूजन

Magh Purnima 2022 Moonrise Time Today (आज चाँद निकलने का समय क्या है 2022): माघी पूर्णिमा के पूजन के समय ही शोभन योग बन रहा है।माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी और चंद्रमा देवता की पूजा करना शुभ माना जाता हैं। 

Magh Purnima 2022 Moon Rise time
Magh Purnima 2022 Moon Rise time 
मुख्य बातें
  • माघी पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है
  • माघी पूर्णिमा के दिन इस कथा को सुनने या पढ़ने से श्री हरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है
  • इस मौके पर चंद्रमा देवता की पूजा अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता हैं। 

Magh Purnima 2022 Moonrise Time Today (आज चाँद निकलने का समय क्या है)​: सनातन धर्म में माघ पूर्णिमा का अलग ही महत्व रहा है। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी को रात 09 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ हुई जिसकी समाप्ति 16 फरवरी को रात 10 बजकर 28 मिनट पर होगी। माघी पूर्णिमा के पूजन के समय ही शोभन योग बन रहा है। माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी और चंद्रमा देवता की पूजा अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता हैं। 

चंद्र देव को अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का जाप

इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है इसके साथ चंद्र देव का आशीर्वाद सदा बना रहता है। भक्तों को स्वास्थ्य में भी लाभ मिलता है और कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत होती है। चंद्र देव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप अवश्य करें। 

गगनार्णवमाणिक्य चंद्र दाक्षायणीपते। 
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक

माघ पूर्णिमा 2022 चांद का समय (Magh Purnima 2022 Moon Rise Time In Hindi)

चन्द्रोदय – 17:53:59
चन्द्रास्त – चन्द्रास्त नहीं
चन्द्र राशि – कर्क

New Delhi, India में आज चांद कब निकलेगा?
चन्द्रोदय : 17:53:59
चन्द्रास्त : 06:56:59

माघ पूर्णिमा पर चंद्र पूजा की विधि (Magh Purnima 2022 Chandra Puja Vidhi) 

अगर आप माघ पूर्णिमा पर व्रत रखने वाले हैं तो इस दिन प्रात:काल स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इस दिन किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना शुभ माना गया है। स्नान करने से पहले वरुण देव को प्रणाम करें फिर स्नान करने के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर भगवान मधुसूदन और माता लक्ष्मी की पूजा करें। शाम के समय चंद्र देव की अराधना भी करें। पूजा के बाद दान-दक्षिणा दें। इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराएं और तिल, गुड़, कंबल और वस्त्र दान में दें। 

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