Guru Grah Upay: कमजोर गुरु के कारण हाथ में नहीं टिकते पैसे, इस रत्न को धारण करने से बढ़ने लगेगा बैंक बैलेंस

Pukhraj Stone Benefits: गुरु के कमजोर होने पर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुंडली में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसके कमजोर होने से आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र इससे निपटने के लिए रत्न पहनने की सलाह देते हैं।

Pukhraj Stone Benefits
Pukhraj Stone   |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • कुंडली में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान होता है
  • गुरु ग्रह सबसे शुभ और भाग का जिम्मेदार माना जाता है
  • गुर के कमजोर होने की वजह से सफलता नहीं मिलती है और हाथ में पैसा भी नहीं टिकता है

Benefits of Pukhraj Stone : हर इंसान अच्छी कमाई वा अच्छा पैसा कमाने के लिए दिन रात एक करके कड़ी मेहनत करता है, लेकिन दुर्भाग्यवश फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती है और पैसा आता भी है तो वह घर में नहीं रुकता। बेवजह खर्च होता रहता है और जेब भी हमेशा खाली बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक इसके पीछे कारण कमजोर गुरु का होना होता है। कुंडली में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह ग्रह सबसे शुभ और भाग का जिम्मेदार माना जाता है। इसके कमजोर होने की वजह से सफलता नहीं मिलती है और हाथ में पैसा भी नहीं टिकता है। ऐसे में रत्‍न शास्‍त्र में इस संबंध में कुछ उपाय बताए गए हैं। कुछ ऐसा खास रत्‍न के बारे में बताया गया है जो गुरु को मजबूत बनाता है। आइए जानते हैं उस रत्न के बारे में..

पुखराज रत्‍न

रत्न शास्त्र विशेषक के अनुसार गुरु के कमजोर होने की स्थिति में पीला पुखराज रत्न धारण करना चाहिए शास्त्रों के अनुसार पीला पुखराज बृहस्पति का रत्न है। इसके अलावा विवाह में देरी या विवाह में आ ही बाधाओं को दूर करने के लिए भी गुरु के इस रत्‍न को धारण करने की सलाह दी जाती है। यदि कोई इस रत्‍न को बिना किसी ज्‍योतिषीय परामर्श के पहने लें तो उस व्‍यक्‍ति को ये पुखराज रत्‍न फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है।

शिक्षा व करियर के क्षेत्र में मिलती है सफलता

इसके अलावा पुखराज रत्न धारण करने से मान-सम्मान व कीर्ति में वृद्धि होती है। शिक्षा व करियर के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इस रत्न को पहनने से व्यक्ति में धर्म-कर्म के प्रति रुचि बढ़ती है। अगर किसी के विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो उन लोगों को पुखराज पहनने से लाभ मिलता है।

ऐसे करें धारण

ज्योतिष के गोविंद पांडे के मुताबिक पुखराज को गुरुवार को ही पहनना चाहिए। इसे पहनने से पहले पुखराज को गंगाजल में दूध मिलाकर डाल दें। फिर दूसरे दिन यानी गुरुवार को स्नान करें। स्नान करते समय पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद एक माला का जाप करते हुए ये मंत्र बोले- 'ऊं बृं बृहस्पते नमः' । इसके बाद तर्जनी अंगुली में इसे धारण करें। पुखराज धारण करने के बाद आपको गुरुवार को मांस शराब से दूरी बनानी होगी।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।) 

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