Ram Navami 2022, Difference Between Ram Navami And Shardiya Navami: अवध से लेकर पूरे देश में राम नवमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन प्रभु राम ने अयोध्या के राजा दशरथ के यहां जन्म लिया था। नवरात्रि से ही यहां राम नवमी की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समस्त कष्टों का निवारण होता है। हालांकि लोग चैत्रीय राम नवमी और शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन दुर्गा महानवमी को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। कहा जाता है कि शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर और भगवान राम ने रावण का वध किया था। बता दें सनातन धर्म में दोनों का अपना अलग-अलग महत्व है।
एक तरफ जहां चैत्रीय नवरात्रि के दिन प्रभु राम ने रावण का वध करने के लिए धरती पर अवतार लिया था, वहीं दूसरी ओर शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि को भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले मां दुर्गा की अराधना की थी। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं चैत्रीय महानवमी और शारदीय नवमी में क्या अंतर है।
चैत्रीय और शारदीय महानवमी में अंतर
पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्रीय राम नवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। वहीं शारदीय राम नवमी के दिन रावण का वध करने से पहले प्रभु श्रीराम ने मां भगवती की अराधना की थी तथा माता ने प्रसन्न होकर भगवान राम को युद्ध में विजय होने का आशीर्वाद दिया था। शारदीय नवरात्रि के दिन देवी भगवती की अराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिम मां दुर्गा महिषासुर का वध किया था और भगवान राम ने रावण का वध कर तीनों लोक को उसके अत्याचारों से बचाया था।
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राम नवमी का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार राम नवमी के दिन विधि विधान से प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना करने से भगवान राम का आशीर्वाद सदैव अपने भक्तों पर बना रहता है। तथा इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से संतान की प्राप्ति होती है।
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