Boondi Ka Ladoo: 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो चुका है। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए सबसे खास होता है। सावन का महीना 12 अगस्त तक चलेगा। इस साल सावन के महीने में चार सोमवार पड़ेंगे। पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़े रहा है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। शिव भक्त सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इसके साथ भगवान शिव को उनका प्रिय पुष्प बेलपत्र, धतूरा, गुड़हल आदि अर्पित करते हैं, लेकिन सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाएं बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। जैसे हम सभी को खाने में कुछ ना कुछ चीजें अच्छी लगती है वैसे ही भगवान शिव को सावन के महीने में बूंदी का लड्डू जरूर भोग लगाएं। वैसे तो भगवान शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद होता है। इसके अलावा उन्हें रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है। इस बार सावन के महीने में आप घर पर ही बूंदी का लड्डू जरूर ट्राई करें और कुछ नए स्वाद से भगवान शिव को भोग लगाएं।
ये है सामाग्री
बूंदी का लड्डू एक ऐसा लड्डू है जो शादी और दिवाली के टाइम पर ही घरों में सब से ज्यादा पसंद किया जाता है, लेकिन सावन के महीने में इसे इस बार जरूर ट्राई करें। बूंदी के लड्डू बनाना आसान है। इसे बनाने के लिए आपको चने का आटा, घी, दूध, केसर और चीनी की जरूरत होती है।
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बनाने की विधि
सावन के महीने में बूंदी के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले बेसन को ले और छलनी की मदद से बेसन को छान ले। अब बेसन को एक बाउल में ले उसमे थोड़ा सा पानी और तेल डालकर एक घोल तैयार कर ले। ध्यान रखे की घोल में गाठे और दाने ना रह जाए। घोल को अच्छे से फेट कर रख लें। अब चाशनी बनाने के लिए एक बर्तन में चीनी और पानी को डालकर गैस पर पकने के लिए रख दें। कुछ देर बाद जब गैस बंद कर दें फिर आपकी चाशनी बनकर तैयार है।
इसके बाद एक कढ़ाई लें उसमें घी डालकर गैस पर गरम करने के लिए रख दें। अब एक कलछी को कढ़ाई के ऊपर रखें और बने हुए बेसन के घोल को कलछी के छेद में से कढ़ाई में डालते रहे। जब कुछ बूंदी कढ़ाई में डल जाए तो उन्हें हल्का ब्राउन होने तक तल लें और फिर प्लेट में निकाल लें। सभी बूंदी इसी तरह तैयार कर लें। बूंदी को ठंडा होने पर उसे चाशनी में डाल दें साथ ही पिस्ते के कटे हुए टुकड़े भी डाल दें। कुछ देर के लिए इन्हे कढ़ाई में ही छोड़ दें। अब थोड़ा सा बूंदी का मिश्रण हाथ में ले और दोनों हथेली की मदद से गोल आकार में लड्डू तैयार कर लें। लड्डू बनने के बाद सबसे पहले भगवान शिव को भोग लगाएं। फिर सबको सर्व करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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