Daily Bad Habit: इन आदतों से हो सकता है जीवन में भारी नुकसान, मान सम्मान व उन्नति में आती हैं रुकावटें

Bad Habit: घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में समपन्नता बनी रहती है। उस घर में लक्ष्मी का वास होता है। रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है। ऐसे घर में सुख समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है।

Bad Habits
बुरी आदतें 
मुख्य बातें
  • जूठन कभी ना छोड़ें इससे लक्ष्मी रुष्ट होती हैं
  • पैर घसीटकर चलने से राहु ग्रह बुरा फल देता है
  • रसोई गंदी रखने से मंगल अशुभ फल देता है

 Bad Habit And Impact: हिन्दू धर्म ग्रन्थों में बताया गया है कि मनुष्य के अंदर अगर बुरी आदतें हैं तो उनका नुकसान तय है। बुरी आदतें आपको आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं। पारिवारिक जीवन और सुख शांति का वास खत्म कर देती हैं। अपने अंदर की बुरी आदतों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। बुरी आदतों की वजह से ही मान सम्मान में गिरावट आती है। सामाजिक तौर पर चरित्र धूमिल हो जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इन आदतों की वजह से आपको ग्रह दोष भी लग सकता है। यहां तक कि कुछ बुरी आदतों की वजह से आपके शुभ ग्रह का प्रभाव भी कमजोर हो सकता है। ये अच्छी या बुरी आदतें हमारी तकदीर की दिशा तय करती हैं और इनसे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति का जीवन कैसा होगा।

कहीं भी थूकने से मान सम्मान में गिरावट आती है

आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो आपको यश मान सम्मान बहुत मुश्किल से मिलेगा। अतः नियत स्थान पर ही यह काम करें। मान सम्मान में अभिवृद्धि होगी। जिन लोगों को खाना खाकर अपनी जूठी थाली या बर्तन उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है। उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती। बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे लोग अच्छा नाम भी नहीं कमा पाते। अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं। तब आप चन्द्रमा और शनि का सम्मान करते हैं। इससे मानसिक शांति बढ़ कर अड़चनें दूर होती हैं।

घर आए मेहमान को पानी पिलाया तो कष्ट दूर होंगे

घर में आने वाले किसी भी व्यक्ति को स्वच्छ पानी जरूर पिलाएं। ऐसा करके हम राहु का सम्मान करते है। जिससे घर में कभी भी राहु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। अचानक आ पड़ने वाले कष्ट संकट नहीं आते। घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं। उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरूरत होती है। जिस घर में सुबह शाम पौधों को पानी दिया जाता है। वहां बुध सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान होता है। जिससे हमारे अंदर परेशानियों से डटकर सामना कर पाने का सामर्थ्य आ जाता है।

बिस्तर बिखरे छोड़े तो राहु शनि का क्रोध सहना पड़ेगा

जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल जूते मोज़े इधर उधर फेंक देते हैं या उन्हें उल्टी देखकर छोड़ देते है। उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं। इससे बचने के लिए चप्पल जूते करीने से लगाकर रखें। आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी। जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा। सिलवटें ज्यादा होंगी। चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं तथा कुछ लोग अपने पुराने पहने हुए कपड़े तक फैला कर रखते हैं। उन लोगों का राहु और शनि खराब रहता है। ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती है। जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं। दूसरों को भी परेशान करते हैं। इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें। आपका जीवन आश्चर्यजनक रूप से सुंदर होता चला जायेगा।

शरीर स्वच्छ रखेंगे तो मन मस्तिष्क तेज होगा

पैरो की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त खास ध्यान देना चाहिए। नहाते समय अपने पैरो को अच्छी तरह से धोयें। कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुंह और पैर धोयें। आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा। दिमाग की शक्ति बढ़ेगी और क्रोध धीरे-धीरे कम होने लगेगा। मंदिर की साफ सफाई एवं बुजूर्गों का सम्मान करने से गुरु ग्रह अच्छे फल देगा। देर रात जागने से चन्द्रमा अच्छे फल नहीं देता है।

पैर घसीट कर चले तो राहु ग्रह की पीड़ाएँ मिलेंगी

रसोईघर गंदा रखने से है मंगल ग्रह परेशान करता है। अतः रसोईघर हमेशा साफ़ सुथरी रखें। तो मंगल ठीक होगा। जो लोग पैर घसीट कर चलते है उन का राहु खराब फल देता है। स्नान करने के समय बाथरूम में कपड़े इधर उधर फेंकते हैं। बाथरूम में पानी बिखेर कर आ जाते हैं तो चन्द्रमा अच्छे फल नहीं देता है।

चीख कर बात की तो शनि देव रुष्ट हो जाएंगे

किसी से भी प्रेम से वार्तालाप करें इससे आपको सम्मान मिलेगा। चीख कर बोलेने से शनि खराब होता है। जिस घर में बच्चे और वृद्ध खुश रहते है। उस घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। जूठन बिल्कुल न छोड़ें ठान लें। ऐसा करने से पैसों की कभी कमी नहीं होगी। अन्यथा नवग्रहों के खराब होने का खतरा सदैव मंडराता रहेगा। समय व पैसा कहां जायेगा पता ही नहीं चलेगा। रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है। उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं।

 (डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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