आपने किया हो कोई धर्म स्थान बर्बाद तो आपको चुकानी पड़ेगी इस ऋण की कीमत, हर कार्य में होगा नुकसान

Pitr Rin ke Upaay: आपने किया हो कोई धर्म स्थान बर्बाद तो आपको चुकानी पड़ेगी इस ऋण की कीमत। हर कार्य में होगा नुकसान, कुल पुरोहित को बदलने या अपमानित करने से पड़ता है जीवन में पितृ ऋण। इस ऋण के कई बुरे प्रभाव होते हैं जीवन में जैसे पुरुष या स्त्री के बाल सफेद होना, घर में बरकत का काम होना आदि।

paternal flaws its causes and remedies
पितृ ऋण क्या होता है इसके बचाव  
मुख्य बातें
  • पूर्वजों के कर्मों का फल वंशजों को ही भोगना पड़ता हैं
  • कुल पुरोहित को अपमानित करने से लगेगा पितृ दोष
  • घर परिवार की समाप्त होती है, बरकत

Solution And Causes of Pitr Rin:  पितृ ऋण आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है आज हम आपको इसी ऋण के बारे में बता रहे हैं। जैसा कि हमारी हिंदू मान्यताओं और धर्म शास्त्रों में लिखा हुआ है कि पितृ देवो भव: यानी पितृ ऋण का प्रभाव कई जन्मों तक हमारे साथ रहता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि पूर्वजों के दोष कर्मों का फल उनके वंशजों को ही भोगना पड़ता है, इसी को हम ऋण कहते हैं। जब मनुष्य पितृ ऋण से पीड़ित होता है तो उसके जीवन काल में तमाम तरह के कष्ट चक्र के रूप में घूमते रहते हैं। जीवन इतनी समस्याओं से घिर जाता है। मनुष्य चाहकर भी उनसे बाहर नहीं निकल पाता है।

Also Read: घर में चाहते हैं लक्ष्मी-कुबेर का साथ तो रखें इन बातों का ख्याल, होगी धन की वर्षा

इसी शाप की वजह से चिड़ीमार को प्रतिष्ठा नहीं मिली 

उदाहरण के तौर पर हम आपको समझाते हैं, कि आदि कवि वाल्मीकि जी ने चिड़ीमार को श्राप दिया था, कि तुम्हें और तुम्हारी संपूर्ण जाति को प्रतिष्ठा कभी नहीं मिलेगी। इसी शाप के कारण इतने युगों बाद भी आज तक किसी भी चिड़ीमार को प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं हुई है, और ना ही कभी होगी यह अटल सत्य है, कि माता-पिता व पूर्वजों के व्यभिचार का फल वंशजों को ही भुगतना पड़ता है।

मनुष्य इन पांच वजहों से पितृ ऋण से पीड़ित होता है।

1. यदि मनुष्य के पांच ग्रह दो नौ स्थान में कोई भी ग्रह बैठा हो तो वह व्यक्ति पितृ ऋण से प्रभावित होता है। 

2. अगर नवम स्थान में गुरु के साथ शुक्र स्थित हो और चतुर्थ स्थान में शनि और केतु हो तथा चंद्रमा दशम स्थान में हो तो मनुष्य पितृ ऋण से पीड़ित होगा। 

3. लग्न से आठवे में बुद्ध और नवम में गुरु हो तो भी मनुष्य इस ऋण से ग्रसित होगा।

4. दूसरे या सातवे घर मे बुद्ध और नौवे में शुक्र होगा तो भी आप पितृ ऋण से पीड़ित होंगे।

5. दसवे या ग्यारहवे घर में बुद्ध और नौवे में शनि स्थित हो तब भी आप पितृ ऋण से पीड़ित होंगे।

Also Read: Chanakya Niti: इन नीतियों को अपनाने वाले लोगों को मिलती है हर काम में सफलता, हासिल करते हैं ऊंचा मुकाम

यही इस ऋण के असल कारण हैं

हिंदू मान्यताओं में किसी भी शुभ या अशुभ कार्य को कराने के लिए सभी के यहां पारिवारिक पुरोहित होते हैं। जो हमारे यहां सभी संस्कारों को संपन्न कराते हैं। अगर आपने अपने परिवार के किसी कुल पुरोहित को बदला है या उनको अपमानित किया है या उनका तिरस्कार हुआ है, तो ऐसा करने से आप पितृ ऋण के दोषी बन जाते हैं। ऐसा हमारे शास्त्रों में बताया गया है।

इस तरह से होगी इसकी पहचान

इस पितृ ऋण की पहचान करने के लिए लाल किताब में ऐसा बताया गया है। यदि आपके द्वारा पड़ोस के किसी धर्म स्थान पीपल या बरगद के वृक्ष को बर्बाद किया गया है। तो यही कारण आपको दोषी बनाते है।

यही है इस ऋण के बुरे प्रभाव

इस ऋण के जो बुरे प्रभाव हमारे सामने आते हैं। उनमें समय से पहले ही पुरुष या स्त्री के बाल सफेद हो जाते हैं। घर परिवार की बरकत समाप्त हो जाती है। बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं। सुख की जगह जीवन में दुख व निराशा बनी रहती है। यह इसके बुरे परिणाम मनुष्य के सामने आते हैं।

इन सरल उपायों से होगा समाधान

1. धर्म स्थान बनवाना आपके लिए लाभदायी होगा।

2. कुल खानदान के प्रत्येक व्यक्ति से धन एकत्रित कर धर्म स्थान में दान करें।

3. औषधियां दान करने से आपको अच्छे फल प्राप्त होंगे।

4. धर्म स्थान की साफ सफाई नियमित अपने हाथों से करें।

हमारे शास्त्रों में भी ऐसा कहा गया है। दान ही परम धर्म दान को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। दान करने से किसी भी प्रकार के अनिष्ट फल से बचा जा सकता है। शास्त्रों में कहा गया है कि दान में बहुत शक्ति होती है। जिसके प्रभाव से बुरे ग्रहों के फल अच्छे में तब्दील हो जाते हैं।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अगली खबर