Laddu Mar Holi 2020: बरसाना में खेली जाती है लड्डू होली, रंग खेलने से 8 द‍िन पहले हो जाती है शुरुआत

धार्मिक स्‍थल
मेधा चावला
मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Feb 27, 2020 | 13:06 IST

Laddu Holi of Barsana 2020, how to go, watch, play: फागुन की अष्टमी के दिन मथुरा के बरसाना में लड्डू होली खेली जाती है। लाडली मंदिर में लड्डू की होली खेलने की परंपरा बहुत ही रोचक है।

विश्व प्रसिद्ध है बरसाने की लड्डू वाली होली
Laddu Wali Holi, बरसाने की लड्डू वाली होली 
मुख्य बातें
  • लाडली मंदिर से लड्डू की होली शुरू होती है
  • नंदगांव से होली खेलने की खुशी में उत्सव होता है
  • बरसाना में होली 8 दिन पहले से शुरू हो जाती है

होली के त्‍योहार को वृंदावन और मथुरा में बड़ी धूम के साथ मनाया जाता है। यहां रंग वाली होली से पहले लड्डू होली भी मनाई जाती है। इसे बरसाना में मनाया जाता है। रंग वाले द‍िन से 8 द‍िन पहले लड्डू की होली खेली जाती है। साल 2020 में होली 10 मार्च की है तो बरसाना में लड्डू होली 3 मार्च को खेली जाएगी। इसके बाद ही बरसाना की विश्व विख्यात लठ्ठमार होली खेली जाती है। 

लाडली मंद‍िर से होती है शुरुआत
लाडली मंदिर में देश-विदेश से आए राधा-कृष्ण के भक्त एक दूसरे पर हजारों टन लड्डू व अबीर-गुलाल उड़ाते हैं। मथुरा और वृंदावन की होली दुनिया भर में सबसे खास होती है। होली का यह उत्सव और उत्साह वहीं जा कर महसूस किया जा सकता हैं। यदि आपको भी इस बार होली मथुरा में मनाने का प्लान है तो आपको दो मार्च तक यहां जरूर पहुंच जाना चाहिए। 

लड्डू होली को खेले जाने की मान्यता
लड्डू की होली खेलने की परंपरा की शुरुआत श्री कृष्‍ण के बालपन से जुड़ी है। कहा जाता है क‍ि जब भगवान श्रीकृष्ण और नंद गांव के सखाओं ने बरसाना में होली खेलने का न्योता स्वीकार कर लिया था, तब पहले वहां खुशी में लड्डू की होली खेली गई थी। यही परंपरा आज भी चली आ रही है। इस परंपरा के तहत भक्त पहले राधा रानी मंदिर के सेवायत पर लड्डू फेंकते हैं और उसके बाद अपने साथ लाए लड्डुओं को एक दूसरे पर फेंकते हैं और नाचते गाते गुलाल उड़ाते हैं।

आठ दिन पहले ही शुरू हो जाती है होली
मथुरा और बरसाना में होली 8 दिन पहले से शुरू हो जाती है। मंदिर का कपाट दोपहर में खुलने के बाद से ही लड्डू मार होली को भक्‍त खेलना शुरू कर देंगे। 

ऐसे पहुंचे मथुरा, वृंदावन और बरसाने
दिल्ली से ट्रेन या बस के जरिये मुथरा पहुंचा जा सकता है। इसके बाद आप वृंदावन के लिए ऑटो, टैक्सी या बस ले सकते हैं। ठहरने के लिए वृंदावन में ही होटल या आश्रम लेना सही होगा,क्योंकि यहां से बरसाने और नंदगाव पहुंचना आसान होगा। वृंदावन से दोनों ही स्थान एक से आधे घंटे की दूरी पर है। अगर आप होली खेलने जा रहे हैं तो बेहतर होगा क‍ि आप 2 मार्च तक यहां पहुंच जाएं। 

 

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