हिंदू धर्म में हर साल आस्था और विश्वास का महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा की शुरूआत नहाय खाय के साथ होती है और अंतिम दिन उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाता है। छठ पूजा को भगवान सूर्य की आराधना का पर्व कहा जाता है। महिलाएं निर्जला उपवास रखकर पूरे विधि विधान से छठ माता की पूजा करती हैं और संतान की सुख समृद्धि के लिए कामना करती हैं।
मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा के सभी नियमों का सही तरीके से पालन करने से व्रत सार्थक होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत करने से जीवन में धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति निरोगी रहता है। माना जाता है कि छठ पूजा के व्रत को समाप्त करने के लिए भी कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। आइये जानते हैं छठ व्रत के समापन का नियम क्या है।
इस तरह छठ पूजा के बाद सभी नियमों का पालन जरूर करें। पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ छठ माता की पूजा करने और व्रत के नियमों का पालन करने से माता प्रसन्न होती हैं और कृपा बरसाती हैं।
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