Kalashtami 2021: आज है अश्विन कालाष्टमी, जानें काल भैरव जयंती का मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और मंत्र 

Kaal Bhairav Jayanti 2021 Date: आज अश्विन कालाष्टमी है। यह व्रत भगवान शिव के रूद्र अवतार भगवान काल भैरव को समर्पित है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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काल भैरव जयंती आज, जानें मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और मंत्र  |  तस्वीर साभार: Times Now
मुख्य बातें
  • हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर पड़ता है कालाष्टमी का व्रत।
  • 28 सितंबर यानी आज मनाया जा रहा है अश्विन कालाष्टमी।
  • भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव को समर्पित है यह व्रत। 

Kaal Bhairav Jayanti 2021 Date, Significance, Puja Vidhi and Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि कालाष्टमी कहलाती है। 28 सितंबर यानी आज आश्विन मास की कालाष्टमी है। अश्विन मास की कालाष्टमी को काल भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यह तिथि भगवान शिव के रूद्र अवतार भगवान काल भैरव को समर्पित है। भगवान शिव के भक्त इस दिन भगवान काल भैरव की विधि अनुसार पूजा करते हैं। भक्त इस दिन पूरा दिन व्रत रखते हैं और भगवान काल भैरव की भक्ति में लीन रहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, अश्विन कालाष्टमी या काल भैरव जयंती के दिन व्रत रखने से भगवान काल भैरव अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। ‌

Kalashtami 2021 Date and Time कालाष्टमी तिथि एवं मुहूर्त

अश्विन कालाष्टमी तिथि: 28 सितंबर 2021

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 28 सितंबर 2021, शाम (06:17)

अष्टमी तिथि समापन: अंतर सितंबर 2021, रात (08:30)

अश्विन कालाष्टमी का महत्व

अश्विन कालाष्टमी या काल भैरव जयंती सनातन धर्म में बेहद महत्वपूर्ण तिथि मानी गई है। काल भैरव जयंती के दिन व्रत रखने से तथा विधि अनुसार भगवान काल भैरव की पूजा करने से भक्तों को लाभ की प्राप्ति होती है। काल भैरव के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। काल भैरव अपने भक्तों को शक्ति प्रदान करते हैं। 

कालाष्टमी के लिए मंत्र

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

ओम भयहरणं च भैरव:।

ओम कालभैरवाय नम:।

अश्विन कालाष्टमी की पूजा विधि

अगर आप काल भैरव जयंती पर व्रत रखने वाले हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और अपने मंदिर को साफ कर लें। अपने घर के मंदिर में साफ चौकी पर भगवान काल भैरव की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें और दीपक जलाएं। काल भैरव को 8 प्रकार के फूल और पत्ती अर्पित करें। इसके बाद 21 बिल्वपत्र पर चंदन के पेस्ट से ॐ नमः शिवाय लिखकर भगवान काल भैरव को अर्पित करें। इसके साथ भगवान काल भैरव को नारियल अर्पित करें। भगवान काल भैरव का वाहन कुत्ता है, इसलिए इस दिन कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए। काल भैरव जयंती पर जरूरतमंद और गरीबों को दान देना भी शुभ माना गया है।

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