'अम्फान ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी': रहने की छत को तरसा भारतीय फुटबॉलर, परिवार बेहाल

स्पोर्ट्स
भाषा
Updated Jun 02, 2020 | 20:02 IST

Amphan destroyed life on Mithan Samant: भारतीय फुटबॉलर मिथुन सामंत की जिंदगी चक्रवात तूफान अम्फान ने बिखेर कर रख दी है। उन्होंने अपनी हालत व हालात बयां किए हैं।

amphan cyclone aftermath in Kolkata
Cyclone effects in Kolkata (representative image)  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • भारतीय फुटबॉलर की हालत खराब, परिवार भी है बेहाल
  • चक्रवात अम्फान जिंदगी में लाया तूफान
  • कमाई खत्म, अब बस मदद की गुहार और वादों के सहारे

कोलकाता: अपने करियर में कई बार उन्होंने करारे शॉट रोककर अपनी टीम को जीत दिलायी है लेकिन फुटबॉल गोलकीपर मिथुन सामंत 20 मई को चक्रवात ‘अम्फान’ के आने पर अपने घर और खेतों का बचाव नहीं कर पाये और अब आलम यह है कि उनके पास छत तक नहीं है। दक्षिण 24 परगना के बुदाखली गांव के रहने वाले 27 वर्षीय सामंत के घर की छत आधी रह गयी है और वह जर्जर अवस्था में है। मिट्टी की उसकी दीवारें टूट गयी हैं। परिवार के एकमात्र कमाई करने वाले सामंत अब इस विपदा से उबरने की कोशिशों में लगे हैं।

अम्फान ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी

हाल में रीयल कश्मीर फुटबाल क्लब से जुड़ने वाले सामंत ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘चक्रवात अम्फान ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी। मिट्टी से बना हमारा घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हमारे सिर के ऊपर छत नहीं है और दो दीवारें गिर गयी हैं। एक अन्य दीवार टूटने की स्थिति में है। हमारी खेती भी बर्बाद हो गयी है।’’ मुरी गंगा नदी उनके घर से केवल 600 किमी की दूरी पर है और वह उनके लिये खतरा बनी हुई जो चक्रवात से किसी तरह से बच गये हैं।

हर दिन सूर्यास्त के बाद..

उन्होंने दावा किया, ‘‘हर दिन सूर्यास्त से पहले मैं मुरी गंगा नदी के तट पर जाकर देखता हूं कि उसमें पानी का स्तर कितना है और वह अपने घर से कितनी दूर रह गयी है। जिस तेजी से नदी अपने किनारों को काट रही है उसे देखते हुए हमें जल्द ही रहने के लिये नयी जगह ढूंढनी पड़ सकती है।’’ सामंत ने तीन साल पहले ही पेशेवर फुटबाल खेलनी शुरू की थी। उन्होंने कहा कि वह जितनी भी कमाई करते हैं वह परिवार पालने में ही खर्च हो जाते हैं जबकि उनके पिता सुपारी की खेती करते हैं।

कमाई पारिवारिक खर्चों में समाप्त हो गई

पूर्व में मोहन बागान की तरफ से खेलने वाले सामंत ने कहा, ‘‘लोग पूछ सकते है। कि मैंने पर्याप्त बचत क्यों नहीं की। मैं केवल तीन साल से खेल रहा हूं और मैंने जितनी भी कमाई की वह परिवारिक खर्चों में समाप्त हो गयी। मुझे यह कहते हुए शर्म आ रही है लेकिन मेरे पास अपना घर बनाने या खेती फिर से शुरू करने के लिये पैसे नहीं हैं।’’ पिछले दो सप्ताह से इस परिवार की नींद उड़ी हुई है। इस गोलकीपर ने कहा कि वे टूटी छत और दीवारों को ढकने के लिये तिरपाल और प्लास्टिक शीट का उपयोग कर रहे हैं।

अब तक बिजली नहीं आई है

उन्होंने कहा, ‘‘तेरह दिन हो गये लेकिन अभी तक हमारे क्षेत्र में फिर से बिजली नहीं आ पायी है।’’ सामंत ने 20 मई की घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘हम बाल बाल बचे। छत टूट गयी और कुछ देर बाद कमरों में पानी भर गया। हम पास में ही अपने रिश्तेदार के घर चले गये। हमारी किस्मत अच्छी थी जो किसी को चोट नहीं लगी।’’
इस फुटबॉलर से पूछा गया कि क्या उन्होंने किसी से मदद के लिये कहा है तो उन्होंने बताया कि मोहन बागान के उनके पूर्व साथी शिल्टन पॉल हाल में उनके पास आये थे और उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है।

मदद के वादे

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी तरफ से हर तरह से कोशिश कर रहा हूं। शिल्टन दा पिछले सप्ताह आये थे और मेरे घर की तस्वीरें लेकर चले गये। उन्होंने मदद का वादा किया है।’’ पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिस्वास को मिथुन की वित्तीय स्थिति के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही उनसे संपर्क करने की कोशिश करेंगे।बिस्वास ने पीटीआई से कहा, ‘‘चक्रवात अम्फान से प्रभावित सभी खिलाड़ियों को हमारी सरकार से मदद मिली है। कोई भूखा नहीं रहेगा। हम मिथुन की मदद करेंगे।’’

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