नई दिल्ली: 'जब आप अपने देश में सर्वश्रेष्ठ होते हैं, तो हर कोई आपसे कुछ उम्मीद लगाता है।' द सन की रिपोर्ट के मुताबिक नीदरलैंड्स को क्या उम्मीद नहीं थी कि पूर्व साल की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी वेरोना वान डी लियूर अपने माता-पिता पर केस करेंगी, सड़कों पर रहेंगी, जेल के पीछे समय बिताएंगी और फिर पोर्न में करियर बनाएंगी। 34 साल की डी लियूर जिम्नास्टिक्स की गोल्डन गर्ल मानी जाती थी। 14 साल की उम्र में वह चर्चा में आईं जब उन्होंने दो जूनियर यूरोपीय मेडल जीते। दो साल बाद उनकी प्रोफाइल में जबरदस्त इजाफा हुआ क्योंकि उन्होंने पांच यूरोपीय चैंपियनशिप मेडल, तीन विश्व कप फाइनल मेडल और विश्व चैंपियनशिप में एक सिल्वर मेडल जीता।
सिर्फ 16 साल की उम्र में ही वेरोना ने आइकॉन की श्रेणी में जगह पा ली थी क्योंकि उन्हें साल की सर्वश्रेष्ठ डच महिला खिलाड़ी के ताज से सम्मानित किया गया। मगर सफलता के साथ उम्मीद, दबाव और पैसे आए। सनस्पोर्ट से बातचीत करते हुए लियूर ने कहा, '8 या 9 की उम्र मेडल जीतना उपहार की तरह लगता है। हर कोई गर्व करता है। माता-पिता, दोस्त, ग्रैंडपैरेंट्स और आप विशेष बन जाते हो, जो बहुत अच्छा एहसास होता है। जब इसकी शुरुआत होती है और आप पहली बार पोडियम पर चढ़ते हो तो दबाव की शुरुआत होती है।'
लियूर ने आगे कहा, 'जब आप पोडियम पर नहीं होते तो आपको नफरत सहना पड़ती है और कहा जाता है कि आप अच्छे नहीं हो। फिर यह जुनून बन गया, सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि मेरे ईर्द-गिर्द सभी लोगों के लिए। आपको स्पॉन्सर्स, अनुबंध मिले, यह सभी के लिए बड़े करार होते हैं। आपको हर किसी को खुश करना होता है।'
गौडा में जन्मी वेरोना के घर में माता-पिता और बहन थी। सभी ने 5 साल की वेरोना का जिम्नास्ट में करियर बनाने में समर्थन दिया। वेरोना 2004 में ओलंपिक्स के अपने सपने को पूरा करने की तैयारियों में जुटी हुई थीं तब उनके माता-पिता सभी आर्थिक और अनुबंध की देखरेख कर रहे थे। मगर उनके बढ़ते हुए करियर में अचानक गिरावट आई जब चोट के कारण वह एथेंस ओलंपिक्स में नहीं जा सकी। उन्हें इस बात का बाद में एहसास हुआ कि उनके पिता ने बेटी के 5,000 यूरो लास वेगास की यात्रा में खर्च कर दिए।
वेरोना ने अपनी किताब सिम्प्ली वेरोना रिलीज की, जिसमें बताया, 'मेरे माता-पिता के पास मेरे बैंक अकाउंट का कार्ड था और उन्होंने सभी पैसे चुकाए। मेरे लिए कुछ नहीं बदला था। वही स्कूल, वही ट्रेनिंग, लेकिन मुझे पता है कि मेरे माता-पिता का जीवन सुधर गया था। पैसों के कारण उन पर से थोड़ा दबाव हटा था क्योंकि तब मुझे ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे। मुझे हर साल हजारों यूरो मिलते थे और जब चोटिल हुई तो भी मुझे मदद मिली जब तक मैंने खेलना नहीं छोड़ा।'
साल 2008 की शुरुआत हुई थी कि वेरोना के करियर में यू-टर्न आया क्योंकि उन्होंने एथलेटिक्स छोड़ने का फैसला किया और अपने माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज कराया। उन्होंने बताया, 'मेरे ख्याल से अपने करियर के आखिरी साल में मैंने पैसों के बारे में पूछा, लेकिन मुझे जवाब नहीं मिला। मैंने यही सोचा कि पिता हैं तो क्या ही बोलूं, उन्हें पता है कि वो क्या कर रहे हैं। जब मैंने एथलेटिक्स छोड़ी, तो माता-पिता ने यह स्वीकार नहीं किया और वह सभी अजीब तरह की बात करने लगे। मेरे पिता सभी तरह के बहानों के साथ आए, लेकिन जब मैंने कुछ दस्तावेज देखे तो पता चला कि बहुत कुछ गलत है। फिर मुझे एहसास हुआ कि जितना पैसा मेरे पास होना चाहिए था, वो सब खर्च कर चुके थे। पैसा उनके लिए बड़ी चीज है, लेकिन मेरे लिए नहीं। पैसों के साथ आप लोगों के बारे में ज्यादा जान जाते हैं।'
वेरोना ने कहा, 'मुझे पता नहीं कि मेरे अपने माता-पिता कौन हैं। आज जिम्नास्टिक्स को देखें तो पाएंगे कि आपने अपनी बेटी को सचमुच करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया या उसे सिर्फ बैंक अकाउंट समझा। आपको उस तरह की भावना आने लग जाती है।' कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद वेरोना को पिता की तरफ से 81,000 यूरो सेटलमेंट के रूप में किश्तों में दिए गए। 10 साल हो गए जब वेरोना ने अपने परिवार से आखिरी बार बात की थी और इस दौरान उनकी जिंदगी का संघर्ष चलता रहा।
अपने ब्वॉयफ्रेंड और सेंटलमेंट के रूप में मिलने वाली रकम से पहले वेरोना के पास जो थोड़े पैसे थे, उन्हें उसकी वजह से दो साल तक अपनी कार में रहना पड़ा। दुकान से खाना चुराने के अलावा एक जोड़ी को ब्लैकमेल करके 1000 यूरो मांगने तक की हरकतें वेरोना ने की। उन्होंने कहा, 'हमने रहने के लिए कुछ पैसा खर्च किया, लेकिन सब खत्म हो गया और मेरे पास नौकरी नहीं थी। हमने सोचा कि एक रात कार में सोने की सोचकर अगले दिन योजना बनाने पर ध्यान देने के बारे में विचार किया। फिर एक से दूसरा, फिर तीसरा और ऐसा करते-करते दो साल बीत गए। ठंड में समय बिताना मुश्किल पड़ता था क्योंकि आपको पता नहीं होता था कि आप जागे हुए हो भी या नहीं।'
उन्होंने आगे कहा, 'आप सुपरमार्केट में खाते थे अगर वहां कुछ मुफ्त हुआ तो। वरना आपको खरीदकर खाना होता था। मुझे इस पर गर्व नहीं है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह दिन बिताउंगी। ब्लैकमेल मेरे ऊपर हावी हुआ। मैंने फोटो ली क्योंकि ये मेरे सामने हुआ। मैंने उस महिला का सामना किया और जब उसने पूछा कि मैं उसे ब्लैकमेल कर रही हूं तो मैंने हां कहकर पैसों की मांग भी की। पैसे उस समय की जरूरत थी, लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला और लगा कि बस यही सबकुछ है। मगर वो मेरी नंबर प्लेट के साथ पुलिस स्टेशन गई और मैं गिरफ्तार हो गई। मुझे इस तरह की हरकत पर अफसोस है, लेकिन मैं अब भी उसका सामना करके बताना चाहती हूं कि उसने गलत क्या किया। मगर उस समय मुझे पैसों की जरूरत थी। मैं दोबारा खुद को उस स्थिति में नहीं डालूंगी।'
वेरोना ने 72 दिन जेल में बिताए और फिर उन्हें पोर्न इंडस्ट्री की कंपनी से ऑफर मिला। इस बात को स्वीकार करते हुए कि जिम्नास्ट से ज्यादा पैसा इस पेशे में मिला। वेरोना और उनके ब्वॉयफ्रेंड ने 8 साल तक इस बिजनेस में काम किया। उन्होंने कहा, 'कामुक बिजनेस फैसला नहीं था। यह मेरे लिए पैसा बनाने का मौका था। मैं बहुत खराब स्थिति से आई थी तो मेरे लिए यह बड़ा कदम था। बचपन में मैंने कभी इस बारे में नहीं सोचा था, लेकिन अब मुझे चिंता नहीं। मुझे अपने परिवार और दोस्तों को स्वीकृति के लिए देखना नहीं है। मेरे आस-पास के लोगों ने मुझे अपनाया, जैसी मैं हूं।'
वेरोना ने कहा, 'पहले मेरा अनुबंध वेबकैम गर्ल के रूप में हुआ और फिर दो महीने बाद मैं और मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने हमारा बिजनेस खाला और हम छोटी चीजें करते थे। वो मेरे फोटोग्राफर और एक्टर थे। यह मेरे लिए बड़ी राहत थी क्योंकि मैं शायद उसके बिना इस इंडस्ट्री में काम नहीं कर पाती। हम दोनों सड़कों पर रहे और एक जैसे माहौल से आगे बढ़े। मैं अपने काम का आनंद लेती हूं। मैं पिछले आठ साल को खुशी-खुशी देख सकती हूं।' हाल ही में रेनी ग्रेसी की काफी चर्चा हुई थी, जिन्होंने सुपरकार में करियर छोड़कर पोर्न इंडस्ट्री को अपने नए करियर के रूप में चुना।